Aarya 2 Review: क्या डॉन बनकर सुष्मिता सेन जीत पाएंगी दिल? देखने से पहले यहां जाने कैसी है सीरीज

नई दिल्ली: ‘कहनेवाले कुछ भी कहेंगे, मैं सिर्फ एक कामकाजी मां हूं.’ ये एक डायलॉग आर्या सरीन (Sushhmita Sen) की मानसिकता को समेटे हुए है, जो जांच अधिकारी एसीपी यूनिस खान (Vikas Kumar) के साथ बात करते हुए अपनी सच्चाई को सीधे से अंदाज में पेश करती है। दरअसल, आर्या इसी जांच की पेचीदगी के कारण अंडरवर्ल्ड की दुनिया में ना चाहते हुए भी शामिल हो गई है. हालांकि उसके लिए ये दुनिया कोई अजनबी नहीं है. बल्कि यह उसके परिवार का एक अहम हिस्सा रहा है। तो आइए जानते हैं कि एक मां से कैसे आर्या बनेगी एक डॉन और कैसा है उसका ये नया सफर…

सीरीज: ‘आर्या सीजन 2’
अवधि: प्रति एपिसोड औसतन 40 मिनट
डायरेक्टर: राम माधवानी
कास्ट: सुष्मिता सेन, अंकुर भाटिया, विकास कुमार, माया सराव, विश्वजीत प्रधान, सुगंधा गर्ग, गीतांजलि कुलकर्णी, जयंत कृपलानी, आकाश खुराना, सोहेला कपूर, दिलनाज ईरानी, ​​चारु शंकर।
कहां देखें: डिज्नी+ हॉटस्टार 
स्टार रेटिंग: 3.5/5

उलझी कहानी में भी है साफगोई 

कहानी की बात करें तो यह इतनी स्पष्ट है कि जिन लोगों ने सीरीज का पहला सीजन नहीं देखा है, उन्हें सीजन 2 में घटनाओं के उलझे धागे समझने में कोई कठिनाई नहीं होगी। आठ-एपिसोड की यह सीरीज वहीं से शुरू होती है जहां से सीजन 1 में इसे छोड़ा गया था। आर्या के पति तेज सरीन के बाद, एक माफिया उदयवीर शेखावत (आकाश खुराना) से 300 करोड़ की ड्रग्स चोरी करने के लिए हत्या कर दी गई, जो रूसी माफिया से संबंधित था। इन हत्याओं के आरोपी आर्या के पिता जोरावर राठौड़ (जयंत कृपलानी) और भाई संग्राम (अंकुर भाटिया) हैं।

मां और डॉन के बीच का बैलेंस है शानदार

अब कैसे आर्या अपने तीन बच्चों की परवरिश में और अपने पति का बदला लेने के लिए संघर्ष करती है, इन दो भूमिकाओं में वह कैसे बैलेंस बनाती है यही कहानी का पूरा मजा है। वह पुलिस की जांच को दरकिनार कर देती है और हमेशा ड्रग्स के सौदों, हिंसक धमकियों और डबल-क्रॉस के चिपचिपे जाल में फंस जाती है, यही इस कहानी की जड़ है।

अपने पंजे बाहर निकालेगी आर्या

Aarya 2 Review

अपने अशांत जीवन के लिए आर्य का दृष्टिकोण इतना सहज है कि यह सीरीज को मजेदार बनाता है. पहला एपिसोड, जिसका टाइटल है, ‘मुझसे यहां से भागना है’ है, उनके सामने आने वाले खतरों के कारण देश से भागने की उसकी हताशा को उजागर करता है। इसी प्रकार बाकी एपिसोड के टाइटल हैं, ‘एन आई फॉर एन आई’, ‘अब हम वापस जा रहे हैं’, ‘संग्राम कहां है’, ‘300 करोड़ का कंसाइनमेंट’, ‘आई हेट यू’, ‘फिर से पंजे बहार निकलो’ और ‘इसको मेरे रास्ते से हटा दो’।

बच्चों को बचाने के लिए क्रूर बाघिन बनेगी 

सीरीज में कुछ पल ऐसे भी हैं, खासकर एपिसोड चार और आठ में घटनाएं, जिनमें आर्या अपनी कमजोरियों से निपटती है. इन एपिसोड में वह मजबूर, बंधी हुई और बेबस दिखाई देती है. लेकिन कुल मिलाकर, स्क्रिप्ट आपकी रुचि को पर्याप्त मनोरंजन और जबरदस्त साजिश और थ्रिल देती है। जिनमें से एपिसोड 6 काफी खास है, जहां आर्या एक हताश मां खुद को पूरी तरह बदलकर क्रूर बाघिन की तरह छलांग लगाती है। सुष्मिता सेन की अदाकारी का यह प्रेरणा देने वाला और हैरान करने वाला पल आपको एक्साइटमेंट देने के लिए पर्याप्त है। 

संघर्ष से निखरकर चमकेगी आर्या 

आर्या का दूसरा सीजन एक बार फिर सुष्मिता सेन का कैनवास है जिसमें वह चमकती हुई नजर आती है। एक मां अपने तीन बच्चों के साथ, एक असंतुष्ट बेटी जो अपने पिता को नापसंद करती है, और एक संबंधित बहन, दोस्त और विश्वासपात्र. सुष्मिता ने अपने हिस्से को ईमानदारी से निभाया, जिससे आर्य एक माइंडब्लोइंग किरदार बनाया है। सिकंदर खेर ने जोरावर राठौड़ के वफादार और आर्य के शुभचिंतक की भूमिका गजब अंदाज में निभाई है। 

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