सन 1943 में सच्चिदानन्द हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' के नेतृत्व में हिंदी में एक आन्दोलनकारी लहर उठी जो प्रयोगवाद कहलायी। इसकी...
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'राजनीतिक क्षेत्र में जो साम्यवाद है, वह काव्य के क्षेत्र में प्रगतिवाद है। " प्रगतिवादी काव्य की संज्ञा उस कविता...
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बाबू गुलाबराय ने "प्रकृति में मानवीय भावों का आरोप कर जड़-चेतन के एकीकरण की प्रवृत्ति के लाक्षणिक प्रयोगो को रहस्यवाद...
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हिंदी कविता में आधुनिता तथा नवीन युग के सूत्रपात का श्रेय छायावादी युग को प्रदान किया जाता है।
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भारतेन्दु युग हिंदी कविता का जागरण काल है। इस युग को हिंदी साहित्य का प्रवेश द्वार माना जाता है।
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'जीवनी' तथा 'आत्मकथा' गद्य की प्रमुख विधाएँ है। किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के जीवनवृत्त को रोचक साहित्यिक ढंग...
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कहानी वास्तविक जीवन की ऐसी काल्पनिक कथा है जो छोटी होते हुए भी स्वतः पूर्ण और सुसंगठित होती है कहानी...
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नाटक एक प्रमुख दृश्य काव्य है। यह एक ऐसी अभिनयपरक विधा है, जिसमे सम्पूर्ण मानव जीवन का रोचक वर्णन होता...
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