भारत सरकार ने मार्च 2024 तक के लिए तेल पर कस्टम ड्यूटी ख़त्म कर दी है जिससे तेल की कीमतों में कमी आने सम्भावना बढ़ गई जिससे आम लोगो को महगाई की इस मार से कुछ समय के राहत मिलने वाली है |
सरकार ने प्रतिवर्ष 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन एवं सूरजमुखी के तेल आयत पर सेवा शुल्क को मार्च 2024 तक हटाने की घोषणा की है |
सरकार का यह भी मानना है की इससे घरेलु कीमतों में कमी आएगी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी | सरकार ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पिछले सप्ताह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की थी | साथ ही इस्पात और प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ कच्चे माल पर भी आयात शुल्क हटाने का निर्णय लिया था।
आपको बता दे की कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने पर सरकार को प्रतिवर्ष 2 लाख करोड़ का राजस्व का नुकसान होगा।
इसी बीच सरकार ने 2014 से अब तक सिर्फ कच्चे तेल से लगभग 26 लाख करोड़ का राजस्व कमाया है साथ में तेल कंपनिया भी मालामाल हुई है | क्योकि कच्चे तेल पर केंद्र एवं राज्य सरकारे भारी भरकम टैक्स कमाती है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ता है।
आपको बता दे की सरकार कई देशों से कच्चे तेल का आयात करती है जिस पर आयात टैक्स दो गुना लगता है जिससे वस्तुओं की कीमतों में उछाल आता है एवं आम आदमी को अपनी रोजी रोटी चलाने में समस्या का सामना करना पड़ता है।
तेल खपत में अमेरिका और चीन के बाद हमारा नंबर आता है भारत अपनी जरुरत का 80% तेल आयात करता है।
साल 2021 में भारत ने रूस से लगभग 1 करोड़ लाख बैरल तेल का आयात किया था।
भारत को तेल की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देश इस प्रकार है-
इराक, सऊदी अरब, अमेरिका, UAE, कुवैत, ओमान,रूस, ब्राजील आदि।
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