कुशीनगर के सरकारी स्कूलों ने दी प्राइवेट स्कूलों को मात, डिजिटल माध्यम से हो रही बेहतरीन शिक्षा
यूपी के कुशीनगर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी विद्यालयों ने तकनीक के आधुनिक उपयोग से प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। यहां के सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा देने के लिए अब डिजिटल डिस्प्ले और स्मार्ट क्लास की मदद ली जा रही है, जिससे छात्रों की पढ़ाई अधिक प्रभावी और आकर्षक बन गई है।
विशेष रूप से, दुदही बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) में हाल ही में डिजिटल ब्लैक बोर्ड लगाए गए हैं, जिनका उपयोग शिक्षण के दौरान किया जा रहा है। इन डिजिटल बोर्ड्स की मदद से छात्रों को पाठ्य सामग्री को आसानी से समझने और उसमें गहरी रुचि लेने का मौका मिल रहा है। यह कदम उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विद्यार्थियों को तकनीक के अनुकूल बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
दुदही बीआरसी में छात्रों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है, जहां न केवल विषयों का सरलता से अध्ययन हो रहा है, बल्कि छात्रों को डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। स्मार्ट क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राओं को इंटरएक्टिव वीडियो, ऑडियो, और ग्राफिक्स की मदद से पाठ पढ़ाए जा रहे हैं। इससे न केवल बच्चों की समझने की क्षमता बढ़ रही है बल्कि उनकी रचनात्मकता और जिज्ञासा को भी बढ़ावा मिल रहा है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उन्हें 21वीं सदी के प्रतिस्पर्धात्मक माहौल के लिए तैयार करना है। इसके अलावा, इस प्रकार की डिजिटल शिक्षा से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो रही है, जो पहले केवल प्राइवेट स्कूलों में ही उपलब्ध मानी जाती थी।
स्थानीय शिक्षकों का कहना है कि डिजिटल बोर्ड्स और स्मार्ट क्लास रूम्स के जरिए बच्चों को पढ़ाना न केवल उनके शिक्षण को सरल बना रहा है, बल्कि इससे छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि भी बढ़ रही है। आने वाले समय में ऐसी पहल से सरकारी विद्यालयों का मान और भी ऊंचा होने की उम्मीद है।
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