इस आर्टिकल में आप मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका के बारे में पढ़ेंगे।
मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका
तंत्रिका कोशिका मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका है इसे न्यूरॉन्स कहते है, इसके बीच बीच में भरण कोशिकाओं के रूप में न्यूरोग्लिया कोशिकाएँ भी पायी जाती है।
एक तंत्रिका कोशिका के साइटोन के डेन्ड्राइट्रस दूसरी तंत्रिका कोशिका के एक्सॉन से विशिष्ट संधि द्वारा जुड़े होते है जिसे युगमनुबन्ध कहते है। इस प्रकार तंत्रिका कोशिकाएँ आपस में जुड़कर तंत्रिका ऊतक तथा तंत्रिका ऊतक आपस में जुड़कर तंत्रिका तंत्र बनाते है। अतः तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक इकाई तंत्रिका कोशिका ही है।
तंत्रिका तंत्र कई भागों का बना होता है इसका वह भाग जो शरीर की क्रियाओ पर नियंत्रण रखता है, केन्द्रिका तंत्रिका तंत्र कहलाता है, यह शरीर के मुख्य अक्ष में स्थित होता है और मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु का बना होता है।
जन्तुओ के शरीर में तंत्रिका तंत्र की शाखाएँ फैली होती है जिन्हे तंत्रिकाएँ कहते है। ये पतले-पतले तंत्रिका तंतुओ तथा तंत्रिका तन्तु तंत्रिका कोशिका के बने होते है।
जब हमारे शरीर के अंदर बाहर कोई परिवर्तन या क्रिया होती है तो संवेदी अंग इनसे प्रभावित होकर इसकी सूचना तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क या मेरूरज्जु को देते है। ये बाह्य तथा आंतरिक परिवर्तन उद्दीपन कहलाते है तथा इन उद्दीपनों को ग्रहण करने वाले अंग संवेदी अंग या ज्ञानेन्द्रियाँ कहलाती है।
प्रत्येक संवेदी अंग तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क या मेरुरज्जु से जुड़े होते है। मस्तिष्क या मेरूरज्जु उद्दीपन को ग्रहण करने के बाद उसके अनुसार आदेश प्रसारित करते है जो तंत्रिकाओं द्वारा ही संबंधित अंगों को ले जाया जाता है।
वे तंत्रिकाएँ या तंत्रिका तन्तु जो उद्दीपनों को शरीर के विभिन्न भागों से ले आते है, संवेदी तंत्रिका या संवेदी तंत्रिका तन्तु कहलाते है जबकि वे जो उद्दीपन को मस्तिष्क या मेरुरज्जु से शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाते है, प्रेरक तंत्रिकाएँ या प्रेरक तंत्रिका तन्तु कहलाते है कुछ तंत्रिका ऐसी होती है जिनमे दोनों ही प्रकार के तंत्रिका तंतु पाये जाते है इन्हे मिश्रित तंत्रिकाएँ कहते है। इस प्रकार जंतुओं के शरीर में कुल तीन प्रकार की -संवेदी, प्रेरक और मिश्रित तंत्रिकाएँ पायी जाती है।
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