मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका

इस आर्टिकल में आप मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिक के बारे में जानेगे।

मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका

मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका शुक्राणु है यह एक नर जनन कोशिका है, यह एक परिपक्व सूक्ष्म, चल, पतली लगभग 5μ लम्बी रचना होती है। लगभग सभी जन्तुओ के शुक्राणु रचना एक जैसी होती है।  एक परिपक़्व स्तनी के शुक्राणु में निम्नलिखित तीन भाग पाये जाते है -

शुक्राणु

1. सिर (Head)- शुक्राणु का अग्र भाग सर कहलाता है इसकी रचना प्रायः तैरने के अनुकूल होती है अर्थात इसका आकार शंक्वाकार होता है सिर के अगले भार पर एक्रोसोम नामक रचना पायी जाती है जो गॉल्जीकाय की बनी होती है।  यह शुक्राणु को अण्डाणुभेदन में सहायता करती है।  सिर का शेष भाग केन्द्रक को घेरे रहता है केन्द्रक के चारो तरफ कोशिका द्रव्य की पतली स्तर पायी जाती है केन्द्रक के पश्च भाग में समीपस्थ सेन्ट्रिओल पाया जाता है, जो निषेचित अण्डाणु के विभाजन को शुरू करता है।

2. मध्य भाग - यह सिर के ठीक पीछे का भाग होता है जिसमे दूरस्थ सेन्ट्रिओल फ्लैजिलम के आधारीयकाय का कार्य करना है।  इसमें स्थित अक्षीय तंतु के चारों तरफ माइटोकॉन्ड्रिया का आवरण पाया जाता है जो शुक्राणु के प्रचलन में लगने वाली ऊर्जा को फ्लैजिलम को देता है।  मध्य भाग के चारो तरफ भी जीवद्रव्य का एक पतला आवरण पाया जाता है।

3. पूँछ - यह शुक्राणु का सबसे पिछला, लम्बा व पतला भाग होता है जिसकी सहायता से शुक्राणु प्रचलन करता है इसके मध्य में अक्षीय तंतु पाया जाता है जिसके चारों तरफ, एकदम अग्र भाग माइटोकांड्रिया, लेकिन शेष भागो में कोशिकाद्रव्य का ही एक आच्छद पाया जाता है इसके पश्च भाग के अक्षीय तंतु के चारों तरफ कोई आच्छद नहीं पाया जाता है।

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