मेंढक के हृदय में कितने कक्ष होते हैं | मेंढक से सम्बंधित जानकारी

इस पेज पर आप मेढ़क के ह्रदय से संबंधित समस्त जानकारी पढ़ेंगे।

जीव जन्तुओ के शरीर में अन्य अंगो के साथ ह्रदय का बहुत महत्व है इसके बिना जीने के बारे में सोचा भी नहीं  जा सकता है, यदि ह्रदय एक मिनट के लिए अपना काम बंद कर दे तो जीव की मृत्यु भी हो सकती है।

मेंढक के ह्रदय में कक्षों की संख्या

मेंढक का ह्रदय पारदर्शी झिल्ली से घिरा होता है इस झिल्ली को पेरीकार्डियम कहते है जिसके अंदर त्रिकक्षीय संरचना होती है अर्थात ह्रदय तीन कक्ष में बटा होता है जिसमे ऊपर की और दो अलिंद और नीचे की और एक निलय होता है।

मेंढक क्या खाते है

मेंढक जब पानी में रहता है तो वह पानी में उपस्तिथ छोटी-छोटी मछलिया, कीट, केंचुए, घोंघे, मक्खी, मच्छर आदि को अपना भोजन बनता है और जब यह जमीन पर रहता है तो यह जमीन पर पाए जाने वाले छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े को खाता है।

मेंढक बहुत ही अलग तरीके से अपने शिकार को पकड़ता है जिसमे इसकी जीभ सहयोग करती है।

जब मेंढक शिकार देखता है तो वह शिकार करने के लिए अपनी लम्बी जीभ को शिकारी की और फेकता है मेंढक की जीभ में एक चिपचिपा पदार्थ होता है जिससे शिकार मेंढक की जीभ पर चिपक जाता है और मेंढक का भोजन बन जाता है।

मेंढक कहा से आते है

मेंढक जमीन की सबसे ऊपर की परत जिसे हुमस कहा जाता है उसके नीचे हजारो की संख्या में रहते है।

बारिश के मौसम में जब बारिश होती है तो जमीन के ऊपर की यह परत हट जाती है जिससे मेंढक और मेंढक जैसे अन्य जीव जैसे केंचुआ, कीट पतंगे आदि बाहर निकल आते है जिससे इनकी संख्या वातारवण में बड़ जाती है

ठंडी के मौसम में मेढ़क जमीन के अंदर जमीन को खोद कर जगह बनाकर उसमे रहता हैं. यहा तक खाना खाने के लिए बहार नहीं आता हैं, इस क्रिया को शीतनिद्रा या शीतसुषुप्तावस्था कहते हैं। और गर्मी के दिनों में भी इस निष्क्रिय अवस्था को ग्रीष्मसुषुप्तावस्था कहते हैं।

मेंढक से जुडी जानकारी 

मेंढक एक ऐसा जीव है जो पानी के साथ जमीन पर भी जीवन यापन कर सकता है इस प्रकार के जीव को उभयचर वर्ग में डाला जाता है क्योकि उभयचर वर्ग के जीव पानी और जमीन दोनों में ही आसानी से रस सकता है।

मेंढक का सिर तिकोना होता हैं. इसके साथ मेंढक की त्वचा कोमल और चिकनी होती हैं. मेंढक दुनिया के सभी देशों में पाए जाते हैं, तथा दुनियाभर में मेंढक की 5700 से अधिक प्रजातीय पाई जाती हैं।

नर मेढंक मादा मेंढक से छोटा होता है इनमे पैरो की संख्या चार होती है जिसमे आगे के लम्बे और पीछे के पेर छोटे होते है मेंढक के आगे के पैर लम्बे होने के कारण मेंढक अपनी लम्बाई से लभगभ 20 गुना अधिक लम्बी छलांग लगाने में समर्थ हो पाता है।

मेंढक के आगे के पैर में चार झिल्लियाँ और पीछे के पैर में पांच झिल्लियाँ होती है यही संरचना मेंढक को पानी के अंदर तैरने में सहायता करती है।

इसके मुँह के ऊपरी के जबड़े में दांत होते है जिसकी सहायता से यह शिकार को अपने मुँह में दबा कर धीरे-धीरे निगलता है।

यह पानी पीने के लिए मुँह का उपयोग नहीं करते है बल्कि यह शरीर के चमड़े की मदद से पानी सोखते है और शरीर में पानी की कमी को पूरा करते है।

सबसे लम्बे मेंढक की लम्बाई 1 फुट होती है जो अफ्रीका में पाए जाते है।

सबसे छोटे मेंढक की प्रजाति 9.5 मिलीमीटर होती है।

मेंढक को सांप, पक्षी जैसे अन्य स्तनधारी जीव से बचाने के लिए इसकी त्वचा में विषग्रन्थियाँ होती हैं।

मेंढक की कुछ प्रजातियों के सिर पर सींग होते है।

गोल्डन डार्क फ्रॉग दुनिया में पाए जाने वाला सबसे जहरीला मेंढक की प्रजाति है।

गोल्डन डार्क फ्रॉग

ब्राई नेसल के मेंढक लगभग 7 फुट लम्बे सांप निगल सकते है यह मेंढक अफ्रीका में पाए जाते है।

बारिश के मौसम में मेंढको की संख्या अचानक बढ़ जाती हैं. तथा इसी समय कुछ मेंढको की प्रजातियों की संख्या घट भी जाती हैं।

मेंढक भी अपनी केंचुली छोड़ते है।

मेंढक में टरटर की आवाज करने का विशेष कारण मेंढीकियो को अपनी और आकर्षित करना होता है।

Q 1. मेंढक का वैज्ञानिक नाम क्या है?

Ans. मेंढक का वैज्ञानिक नाम अनुरा है।

Q 2. दुनिया में मेंढक की कितनी प्रजाति पाई जाती है?

Ans. दुनिया में अभी तक 5700 से अधिक मेंढक की प्रजातियों को खोजा जा चूका है जिसमे से अब तक भारती में 380 मेंढक की प्रजातियों को दर्ज किया जा चूका है।

Q 3. मेंढक के ह्रदय में कितने कक्ष होते है?

Ans. मेंढक के ह्रदय में तीन कक्ष होते है जिसमे ऊपर की ओर दो अलिंद और नीचे की और एक निलय होता है।

Q 4. मेंढक टरटर की आवाज करने का क्या कारण है?

Ans. मेंढक टरटर की आवाज कर करने के मुख्य कारण मेंढकियो अपनी और आकर्षित करता है।

Q 5. कौन सा मेंढक जहरीला होता है?

Ans. गोल्डल डार्क प्रजाति ले मेंढक जहरीला होता है इस मेंढक का रंग गोल्डन इसमें पाए जाने वाले जहर के कारण होता है।

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