शहीद दिवस पर याद किए गए शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु छातापुर - सुपौल

शहीद दिवस के मौके पर प्रखंड के विभिन्न सरकारी और निजी विद्यालयों में भारत के महान वीर सपूत शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव और शिवराम राजगुरू के शहादत को याद किया गया।

प्रखंड के माॅडल प्राथमिक विद्यालय केवला में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने भगत सिंह के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनसे प्रेरणा लेने की बात दोहराई। प्रधानाध्यापक अमित कुमार ने कहा कि आज से करीबन 90 साल पहले भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई।

इस दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव था और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक नरेश कुमार निराला ने कहा कि भगत सिंह ने 23 साल की युवा उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली।भगत सिंह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें देखते हुए कई लोगों ने क्रांतिकारी मार्ग को अपनाया।

श्री निराला ने कहा कि भगत सिंह के माता-पिता ने जब उन पर शादी का दबाव बनाया, तो वह घर छोड़कर कानपुर के लिए निकल पड़े। उन्होंने कहा था कि अगर उन्होंने गुलाम भारत में शादी की, तो उनकी दुल्हन की मौत होगी।

इस तरह आगे चलकर उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का हाथ थाम लिया। श्री निराला ने कहा कि जन्म से एक सिख होने के बाद भी भगत सिंह ने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली और बाल कटवा लिए थे। ऐसा उन्होंने इसलिए किया था, ताकि जॉन सॉन्डर्स की हत्या को लेकर होने वाली गिरफ्तारी के दौरान कोई उन्हें पहचान नहीं पाए।

शिक्षक निरंजन कुमार और मोहम्मद अरबाज आलम ने कहा कि भगत सिंह जलियांवाला बाग हत्याकांड से इतने परेशान थे कि उन्होंने घटनास्थल का दौरा करने के लिए स्कूल तक बंक किया था। उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की योजना बनाई और लाहौर में पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट को मारने की साजिश रची। हालांकि, गलत पहचान की वजह से सहायक पुलिस अधीक्षक जॉन सॉन्डर्स को गोली मार दी गई थी।मौके पर शिक्षिका नीतू कुमारी, स्तुति कुमारी, बबीता कुमारी, रौशन कुमार,  वंदना कुमारी, राजेश कुमार, संतोष कुमार, स्वेता कुमारी, नितीन कुमार सहित दर्जनों छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author