- श्वसन क्रिया में O2 (ऑक्सीजन) ग्रहण करना, O2 द्वारा शरीर में उपस्थित शर्करा (कार्बोहाइडेट से क्रिया द्वारा ऊर्जा उत्पन्न होना व अशुध्द वायु CO2 को बाहर निकालना शामिल है।
- मानव की श्वान गति प्रति मिनट - 16-17 बार
- श्वसन गति व नाड़ी गति का अनुपात - 1:4
- एक श्वांस में खींची गई हवा - 500 मि.मी.
- मनुष्य के श्वसन तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग - फेफड़े (फुफ्फुस)
अनॉक्सी श्वसन : O2 (ऑक्सीजन ) की अनुपस्थिति में होने वाला श्वसन है। इस क्रिया में शर्करा के किण्वन के अंतर्गत ग्लूकोज, लेक्टिक अम्ल में तथा बैक्टीरिया व, यीस्ट को कोशिकाए इथाइल एल्कोहल में विघटित हो जाती है, इस सम्पूर्ण प्रक्रम को ग्लाइकोलिसिस कहा जाता है।
ऑक्सी श्वसन : यह O2 की उपस्थिति में होने वाला श्वसन है। इसके अंतर्गत श्वसनी पदार्थ ऑक्सीकरण फलस्वरूप CO2 व H2O का निर्माण अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा विमुक्त होती है।
- सर्वाधिक ATP अणुओ का निर्माण क्रेब्स चक्र के दौरान होता है।
- ग्लाइकोलिसिस सम्पन्न होती है। -
- किण्वन है -जैविक उत्प्रेरक
- कोयले के जलने से बनती है - CO2
- रक्त का शुद्दीकरण कहाँ होता है ? फेफड़ो में
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