संस्मरण -
संस्मरण जीवनी विशेष रूप है। इसमें लेखक अपने के विशेष प्रसंगो और अनुभवों का उल्लेख करता है। जीवन की मर्मस्पर्शी स्मृतियों के आधार पर प्रभावशाली भाषा का लेखन ही संस्मरण है। संस्मरण का अर्थ है-भली-भाति याद करना। जीवन में कभी कोई विशिष्ट व्यक्ति घटना या वस्तु इस प्रकार प्रभाव डालती है की हम उन्हें कभी भी भूल नहीं पाते। ससंमरण लिखते समय लेखक अपने बारे में अधिक लिखता है।
उसका विशिष्ट स्वरूप आकृति, आचार- विचार, रंग, रूप उसका कौशल, उसकी भावना उसके आस पास के अन्य लोगो पर किस प्रकार प्रभाव डालता है; इस सबका मनोयोगपूर्वक वर्णन ही संस्मरण है।
रेखाचित्र-
इसे अंग्रेजी में स्कैच कहा जाता है। चित्रकार जिस प्रकार अपनी तूलिका से चित्र बनाता है इसी प्रकार लेखक अपने शब्दों के रंगों के द्वारा ऐसे चित्र उपस्थित करता है जिससे वर्णन योग्य वस्तु की आकृति का चित्र हमारी आँखों के सामने घूमने लगे। चित्रकार की सफलता उसके रेखांकन तथा रंगों के तालमेल पर निर्भर करती है जबकि रेखाचित्र के लेखक की उसके शब्दों को गूँथने की कला पर। रेखाचित्र का लेखक अपने शब्दों में ऐसा चित्र बनाता है जो हमारे मानस पटल पर उभरकर मूर्त रूप धारण कर लेता है।
संस्मरण और रेखाचित्र में अंतर
क्र. | संस्मरण | रेखाचित्र |
1 | संस्मरण किसी विशेष घटना से जुड़ा रहता है। | जबकि रेखाचित्र साधारण विषय पर आधारित होता है। |
2 | संस्मरण में रचनाकार के वास्तविक अनुभव का समावेश होता है | जबकि रेखाचित्र कल्पना की रंगीनी से ओत-प्रोत होता है। |
3 | संस्मरण में विवरणात्मक शैली का प्रयोग होता है। | जबकि रेखाचित्र में चित्रात्मक शैली प्रयुक्त होती है। |
4 . | संस्मरण में भाषा अभिधामूलक होती है। | जबकि रेखाचित्र में भाषा सांकेतिक होती है। |
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