न्यूक्लिक अम्ल DNA एवं RNA में अंतर

सर्वप्रथम फ्रेडरिक मिश्र ने पास कोशिकाओं तथा मछलियों के शुक्राणु से न्यूक्लिक अम्ल को पृथक करने में सफलता प्राप्त की थी अधिकांश जीवधारियों में न्यूक्लिक अम्ल दो रूपों में पाया जाता है। 

1. DNA

2. RNA 

DNA तथा RNA दोनों ही का निर्माण (I)  पेंटोस शर्करा ( II ) फॉस्फोरिक अम्ल के अनु तथा (III) नाइट्रोजन क्षारको के द्वारा होता है।

नाइट्रोजींस क्षारक दो प्रकार के होते है।

पिरिमीडीन्स (इसके अंतगर्त साइटोसीन, थायमीन तथा यूरेसिल को सम्मलित किया जाता है ) तथा प्यूरीन्स (इसके अंतर्गत एडीनीन तथा गवाणीं को सम्मलित किया जाता है।)

DNA के निर्माण में भाग लेने वाली शर्करा डीओसिरैबोस प्रकार की होती है, जबकि RNA  के निर्माण में राइबोस शर्करा भाग लेती है।  शर्करा तथा फॉस्फेट अणु न्यूक्लिक अम्लों के अणुओ की रीढ़ की हड्डी का निर्माण करते है, जबकि क्षारक उनके पार्श्व भागो से जुड़े होते है।

DNA और RNA में अंतर

 

क्र.  DNA  RNA
1. मुख्य रूप से केन्द्रक में पाया जाता है  मुख्य रूप से कोशिका द्रव्य में पाया जाता है। 
2. पॉलीन्यूक्लियोटाइड श्रंखलाए कुंडलाकार अवस्था में पाई जाती है  सामान्यतया एकसूत्रीय होता है। 
3. पेंटोस शर्करा डिऑक्सीराइबोस प्रकार की होती है।  पंटोस शर्करा राइबोस प्रकार की होती है। 
4.  थाइमीन क्षारक पाया जाता है और यूरेसिल अनुपस्थित होता है।  थाइमीन क्षारक अनुपस्थित होती है। और यूरेसिल पाया जाता है। 
5.  यह स्वयं आनुवंशिकीय पदार्थ होता है  केवल कुछ विषाणुओ में ही आनुवंशिकी का कार्य करता है। 
6.  समस्त जीवधारियों DNA आधारभूत रूप से एक समान व एक प्रकार का होता है  अधिकांश जीवधारियों की कोशिकाओं में तीन प्रकार के RNA पाए जाते है - mRNA, rRNA, TATHA tRNA.

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