आधुनिक भारत

आधुनिक भारत

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन तथा अंग्रेजी आधिपत्य

• 1498 ई. में वास्कोडिगामा केरल के कालीकट के तट पर समुद्री मार्ग से पहुँचा।

• 1505 ई. में 'फ्रांसिस्को द अल्मीडा' भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया।

• अल्बुकर्क ने 1510 ई. में बीजापुर के युसूफ आदिलशाह से गोवा जीता।

• भारत में प्रथम पुर्तगाली व्यापारिक कोठी कोचीन में स्थापित हुई।

• भारत में पहली डच फैक्ट्री मसूलीपट्टनम् में स्थापित की गई।

• डचों का भारत में अन्तिम रूप से पतन 1759 ई. में 'वेदरा के युद्ध' से . हुआ।

• मुगल दरबार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिन्स था, जो जेम्म प्रथम के राजदूत के रूप में जहाँगीर के दरबार में गया था।

• 1615 ई. में सर टॉमस रो जहाँगीर के दरबार में पहुँचा।

• 1717 ई. में फर्रूखसियर ने ₹3,000 वार्षिक कर के बदले कम्पनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा में व्यापारिक अधिकार प्रदान किया।

• 1757 ई. में क्लाइव के नेतृत्व में अंग्रेजों ने बंगाल के नत्राब - सिराजु‌द्दौला को प्लासी के युद्ध में हराकर अंग्रेजी आधिपत्य कायम किया।

• बक्सर के युद्ध (1764 ई.) में अंग्रेजों ने शाहआलम (मुगल सम्राट), शुजाउद्दौला (अवध का नवाब) तथा मीर कासिम (बंगाल का नवाब) की संयुक्त सेनाओं को पराजित कर अंग्रेजी प्रभुत्व का विस्तार दिल्ली तक किया।

• फ्रांसीसियों ने 1667 ई. में सूरत में अपनी पहली फैक्ट्री खोली।

• फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले बहुत महत्त्वाकांक्षी था। वह भारत में फ्रांसीसी विस्तार की इच्छा रखता था।

• 1760 ई. में 'वाण्डीवाश के युद्ध' में फ्रांसीसियों की महत्त्वाकांक्षा ध्वस्त हो गई। उसे अंग्रेजों से इस युद्ध में पराजय मिली।

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन

कम्पनी स्थापना वर्ष
पुर्तगाली ईस्ट इण्डिया कम्पनी 1498 ई.
डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी 1602 ई.
अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी 1600 ई.
डेनिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी 1616 ई.
फ्रांसीसी ईस्ट इण्डिया कम्पनी 1664 ई.
स्वीडिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी 1731 ई.

1857 ई. का विद्रोह

  • 1857 ई. के विद्रोह की शुरूआत 10 मई, 1857 ई. को मेरठ से हुई।

• विद्रोह का तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफल में चर्बीयुक्त (गाय एवं सूअर की चर्बी) कारतूस का प्रयोग करना था।

• इससे पहले बैरकपुर (प. बंगाल) में 34वीं नेटिव के सिपाही मंगल पाण्डे ने 28 मार्च, 1857 ई. को अपने सार्जेण्ट मेजर लेफ्टिनेण्ट बाघ पर गोली चला दी।

सामाजिक एवं धार्मिक आन्दोलन

• राजा राममोहन राय को 'भारतीय पुनर्जागरण का जनक' कहा जाता है।

• राजा राममोहन राय ने कोलकाता में 'वेदान्त कॉलेज' तथा डेविड हेयर के साथ मिलकर 'हिन्दू कॉलेज' की स्थापना की।

• 'ब्रह्म समाज' की स्थापना 1828 ई. में राजा राममोहन राय ने की।

• 'ब्रह्म समाज' में विभाजन के बाद केशवचन्द्र सेन ने 1866 ई. में आदि ब्रह्म समाज की स्थापना की। यंग बंगाल आन्दोलन के प्रवर्तक हेनरी विवियन डेरोजियो, हिन्दू कॉलेज के प्राध्यापक थे।

• प्रार्थना समाज की स्थापना आत्माराम पाण्डुरंग ने बम्बई में की।

• आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1875 ई. में बम्बई में की। दयानन्द सरस्वती का वास्तविक नाम मूलशंकर था।

• दयानन्द सरस्वती ने 'वेदों की ओर लौटो' का नारा दिया।

• रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने 1897 ई. में की। इस मिशन का नाम रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा गया था।

• स्वामी विवेकानन्द का वास्तविक नाम नरेन्द्र दत्त था।

• विवेकानन्द ने 1893 ई. में शिकागो (अमेरिका) की विश्व धर्म संसद में भाग लिया था।

• थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना न्यूयॉर्क में 1875 ई. में कर्नल अल्काट तथा मैडम ब्लावाट्स्की द्वारा की गई।

• थियोसोफिकल सोसायटी की शाखा चेन्नई के निकट अड्यार में 1886 ई. में स्थापित की गई।

• वहाबी आन्दोलन के नेता सैयद अहमद बरेलवी थे। वहाबी आन्दोलन का मुख्य केन्द्र पटना था।

• 'अलीगढ़ आन्दोलन' की शुरूआत सर सैयद अहमद खाँ ने की थी।

भारत का स्वतन्त्रता आन्दोलन

• भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश प्रशासनिक अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा 1885 ई. में की गई।

• कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन दिसम्बर 1885 ई. में बम्बई में हुआ। इसमें कुल 72 सदस्यों ने भाग लिया था। इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे।

• बदरुद्दीन तैयबजी कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष (1887 ई.) तथा जार्ज यूले प्रथम ईसाई तथा विदेशी अध्यक्ष (1888 ई.) थे।

• बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से 1893 ई. में 'गणपति उत्सव' तथा 1895 ई. में 'शिवाजी उत्सव' प्रारम्भ किया।

• बंगाल में राष्ट्रीय चेतना को समाप्त करने के लिए लॉर्ड कर्जन द्वारा 16 अक्टूबर, 1905 ई. में बंगाल का विभाजन कर दिया गया।

• बंगाल विभाजन के विरोध में पूरे देश में स्वदेशी एवं बहिष्कार आन्दोलन चलाया गया।

• लाल, बाल एवं पाल क्रमशः लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक एवं विपिनचन्द्र पाल को कहा जाता था। ये उग्रपन्थी विचारधारा के समर्थक थे।

• दादा भाई नौरोजी ने कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन (1906 ई.) में सर्वप्रथम स्वराज की माँग प्रस्तुत की। उन्हें 'ग्रैण्ड ओल्ड मैन ऑफ इण्डिया' कहा जाता है।

• दादा भाई नौरोजी ने सर्वप्रथम 'धन निकासी' का सिद्धान्त दिया जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि किस प्रकार अंग्रेज भारत से धन ले जा रहे हैं।

• स्वदेशी के मुद्दे पर 1907 ई. के कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन दो भागों में हो गया।

• 1906 ई. में ढाका के नवाब सलीमुल्ला के नेतृत्व में 'मुस्लिम लीग' का गठन हुआ।

• सरकार ने 1909 ई. में भारतीय परिषद् अधिनियम पारित किया, जिसमें पहली बार मुसलमानों के लिए पृथक् निर्वाचन क्षेत्र एवं मताधिकार की व्यवस्था दी गई थी।

• 1911 ई. में दिल्ली में इंग्लैण्ड के सम्राट जॉर्ज पंचम एवं महारानी मेरी के स्वागत में भव्य दरबार का आयोजन किया गया। इस समारोह में बंगाल विभाजन को रद्द करने तथा भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा की गई।

• 1916 ई. में लखनऊ में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में कांग्रेस के विभाजित धड़ों में समझौता हो गया। इसी अधिवेशन में पहली बार कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग एक मंच पर आये।

• स्वशासन की माँग तेज करने के लिए बाल गंगाधर तिलक ने अप्रैल, 1916 में तथा ऐनी बेसेन्ट ने सितम्बर, 1916 में 'होमरूल लीग' का गठन किया।

• कांग्रेस के 1917 ई. के कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता श्रीमती ऐनी बेसेन्ट ने की। इस पद पर चुनी जाने वाली वे पहली महिला थीं।

गाँधी युग

• बिहार के चम्पारण में तीन कठिया प्रथा के खिलाफ किया गया आन्दोलन गाँधीजी का भारत में पहला आन्दोलन था।

• वर्ष 1918 में गाँधीजी ने अहमदाबाद मजदूर आन्दोलन तथा खेड़ा किसान आन्दोलन को नेतृत्व प्रदान किया।

• 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रान्तों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई।

• पंजाब के दो महत्त्वपूर्ण नेता सैफुद्दीन किचलू तथा डॉ. सत्यपाल गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर के जलियाँवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 ई. को विशाल जनसभा आयोजित की गई थी। जनरल डायर के निर्देश पर इस सभा पर गोलियाँ चलाई गई, जिसमें सैकड़ों निहत्थे लोग मारे गए। इसे 'जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड' के नाम से जाना जाता है।

• जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अपनी 'सर' की उपाधि लौटा दी।

• 1920 ई. में तुर्की के खलीफा के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार के विरोध में भारत में 'खिलाफत आन्दोलन' चलाया गया।

• कांग्रेस ने गाँधीजी के नेतृत्व में 1920 ई. में असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ किया। 5 फरवरी, 1922 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर उत्तेजित भीड़ ने कुछ सिपाहियों को थाने में जिन्दा जला दिया। इससे क्षुब्ध होकर गाँधीजी ने आन्दोलन को तत्काल वापस ले लिया।

• जनवरी, 1923 ई. में चित्तरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने 'कांग्रेस खिलाफत स्वराज्य पार्टी' की स्थापना की।

• 1923 ई. के चुनावों में स्वराज पार्टी केन्द्रीय विधायिका में विठ्ठल भाई पटेल को अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित करवाने में सफल रही।

• 8 नवम्बर, 1927 ई. को 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम की समीक्षा करने के लिए साइमन कमीशन का गठन किया गया।

• 3 फरवरी, 1928 ई. को साइमन कमीशन भारत आया, लेकिन इस कमीशन में एक भी भारतीय के न होने के कारण देश भर में इसका विरोध किया गया।

• लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन पर हुए लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय को गम्भीर चोट लगी, जिसके कारण बाद में उनकी मृत्यु हो गई।

• 1929 ई. के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए, जवाहरलाल नेहरू ने 'पूर्ण स्वराज' का लक्ष्य घोषित किया।

• 31 दिसम्बर, 1929 ई. को लाहौर में रावी नदी के तट पर जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगे झण्डे को फहराया।

• 12 मार्च, 1930 ई. को महात्मा गाँधी ने 78 स्वयं सेवकों के साथ साबरमती आश्रम से डाण्डी के लिए प्रस्थान किया।

• 6 अप्रैल 1930 ई. को डाण्डी पहुँचकर गाँधीजी ने नमक कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरूआत की।

• 5 मार्च, 1931 को गाँधीजी एवं तत्कालीन वायसराय इरविन के बीच हुए समझौते के बाद सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित कर दिया गया।

• लन्दन में आयोजित तीन गोलमेज सम्मेलनों में कांग्रेस ने सिर्फ द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया। इसमें कांग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गाँधी ने किया था।

• ब्रिटिश प्रधानमन्त्री रैम्जे मैक्डोनाल्ड द्वारा 1932 ई. में दलितों के लिए पृथक् निर्वाचन सम्बन्धी 'साम्प्रदायिक पंचाट' (कम्युनल अवार्ड) की घोषणा की गई।

• 1932 ई. में महात्मा गाँधी एवं बी. आर. अम्बेडकर के बीच 'पूना समझौता' हुआ, जिसके बाद अम्बेडकर ने दलितों (हरिजनों) के लिए पृथक प्रतिनिधित्व की माँग को वापस ले लिया।

• जयप्रकाश नारायण, आचार्य नरेन्द्र देव एवं मीनू मसानी के प्रयासों से 1934 ई. में 'कांग्रेस समाजवादी दल' का गठन किया गया।

• भारत सरकार अधिनियम 1935 के अन्तर्गत 'प्रान्तीय स्वायत्तता' की व्यवस्था की गई तथा एक संघीय न्यायालय के गठन का प्रावधान किया गया।

• 1937 ई. के प्रान्तीय विधानसभाओं के चुनाव के बाद कांग्रेस ने 8 प्रान्तों में अपनी सरकार बनाई।

• मुहम्मद अली जिन्ना ने 1940 ई. के मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में पृथक् पाकिस्तान की माँग की।

स्वतन्त्रता प्राप्ति की ओर

• 8 अगस्त, 1942 को बम्बई के ग्वालिया टैंक मैदान में 'भारत छोड़ो आन्दोलन' प्रारम्भ करते हुए, महात्मा गाँधी ने 'करो या मरो' का नारा दिया।

• महात्मा गाँधी से मतभेद होने के कारण सुभाष चन्द्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर 1939 में 'फॉरवर्ड ब्लॉक' का गठन किया।

•'आजाद हिन्द फौज' के गठन का विचार सर्वप्रथम कैप्टन मोहन सिंह के मन में आया था।

• 21 अक्टूबर, 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर में अस्थायी भारत सरकार 'आजाद हिन्द सरकार' की स्थापना की।

• 'दिल्ली चलो' तथा 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा' का नारा सुभाषचन्द्र बोस ने दिया था।

• महात्मा गाँधी को सर्वप्रथम 'राष्ट्रपिता' सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था।

• 1946 ई. में 'कैबिनेट मिशन' भारत आया। इसके सदस्य थे-स्टैफर्ड क्रिप्स, पैथिक लॉरेन्स एवं ए.वी. अलक्जेण्डर।

• कैबिनेट मिशन की संस्तुति पर ही 'संविधान सभा' का गठन किया गया था।

• 3 जून, 1947 को तत्कालीन वायसराय माउण्टबेटन ने 'माउण्टबेटन योजना' प्रस्तुत की, बाद में भारत विभाजन का आधार बनी।

• 15 अगस्त, 1947 को भारत एवं पाकिस्तान नाम के दो नये राष्ट्र अस्तित्व में आए।

• भारत की स्वतन्त्रता के समय ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री क्लीमेण्ट एटली थे। वे 'लेबर पार्टी' से सम्बन्धित थे।

• भारत की स्वतन्त्रता के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे.बी. कृपलानी थे।

• भारत के प्रथम गवर्नर जनरल 'लॉर्ड माउण्टबेटन' बाद चक्रवर्ती राजगोपालाचारी प्रथम एवं अन्तिम भारतीय गवर्नर-जनरल बने थे।

स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान प्रमुख क्रान्तिकारी घटनाएँ

• भारत में प्रथम क्रान्तिकारी घटना 22 जून, 1897 को घटी, जब चापेकर बन्धुओं ने पूना के प्लेग अधिकारियों रैण्ड एवं आमर्स्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। 'अभिनव भारती' की स्थापना वी.डी. सावरकर ने की थी।

• प्रफुल्ल चन्द्र चाकी एवं खुदीराम बोस ने मुजफ्फरपुर के जज किंग्स फोर्ड को 1907 ई. में मारने का प्रयास किया। इस मामले में खुरीदाम बोस को फाँसी दी गई।

• 1905 ई. में लन्दन में श्याम जी कृष्ण वर्मा ने 'इण्डिया हाउस' की स्थापना की।

• 1907 ई. में जर्मनी के स्टुटगार्ट शहर में मैडम भीकाजी कामा ने भारत का राष्ट्रीय तिरंगा फहराया। उन्हें 'मदर ऑफ इण्डियन रिवोल्यूशन' कहा जाता है।

• रासबिहारी बोस ने 1911 ई. में नई राजधानी दिल्ली में प्रवेश करते समय लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंका था।

• लाला हरदयाल ने प्रवासी भारतीयों के सहयोग से 1913 ई. में सेनफ्रांसिस्को में 'गदर पार्टी' की स्थापना की।

• 1924 ई. में 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' की स्थापना हुई, जिसके सदस्यों ने अगस्त, 1925 को काकोरी जाने वाली ट्रेन में सरकारी खजाने को लूटा।

• चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में 1928 ई. में दिल्ली में 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन' की स्थापना हुई।

• लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए भगत सिंह के नेतृत्व में पुलिस कप्तान साण्डर्स की हत्या 1928 ई. में कर दी गई।

• 8 अप्रैल, 1929 को 'पब्लिक सेफ्टी बिल' के विरोध में भगत सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त ने सेण्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली में बम फेंका।

• बंगाल से प्रसिद्ध क्रान्तिकारी सूर्यसेन के नेतृत्व में 1930 ई. में चटगाँव शस्त्रागार पर धावा बोला गया था।

• 23 मार्च, 1931 ई. को लाहौर षड्यन्त्र केस में भगतसिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को फाँसी दी गई।

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