दक्षिण के राज्य

दक्षिण के राज्य

विजय नगर साम्राज्य

• विजयनगर साम्राज्य की स्थापना संगम के पुत्रों हरिहर तथा बुक्का ने 1336 ई. में की। उस समय दिल्ली का सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक था।

विजय नगर साम्राज्य

राजवंश

शासनकाल

संस्थापक

संगम वंश 1336-1485 ई. हरिहर एवं बुक्का
सालुव वंश 1485-1505 ई. नरसिंह सलुव
तुलुव वंश 1505-1570 ई. वीर नरसिंह
अरवीडु वंश 1570-1650 ई. तिरुमल्ल

- विजयनगर का महान् शासक कृष्णदेव राय (1509-1529 ई.) तुलुव वंश का था।

• कृष्णदेव राय के दरबार में आठ महान् कवि रहते थे, जिन्हें अष्ट दिग्गज' कहा जाता था।

• कृष्णदेव राय ने तेलुगू भाषा में 'अमुक्तमाल्यद' ग्रन्थ की रचना की। उसने 'हजारा' तथा 'विठ्ठल स्वामी मन्दिर' का निर्माण भी करवाया।

• सदाशिव राय के शासनकाल में 1565 ई. में 'तालिकोटा' या 'बन्नीहट्टी' की लड़ाई हुई, जिसमें विजयनगर की हार हुई तथा विजयनगर साम्राज्य का पतन हो गया।

विजयनगर आने वाले प्रमुख विदेशी यात्री

यात्री

देश

काल

शासक

निकोलो कोंटी इटली 1420 ई. देवराय-प्रथम
अब्दुर्रज्जाक फारस 1442 ई. देवराय-द्वितीय
नूनिज पुर्तगाल 1450 ई. मल्लिकार्जुन
डोमिंग पायस पुर्तगाल 1515 ई. कृष्णदेव राय
बारबोसा पुर्तगाल 1515-16 ई. कृष्णदेव राय

बहमनी राज्य

• मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में 1347 ई. में हसनगंगू ने बहमनी राज्य की स्थापना की। वह अलाउ‌द्दीन बहमन शाह के नाम से सत्तासीन हुआ।

• मुहम्मद तृतीय के शासनकाल में 'ख्वाजा जहाँ' की उपाधि से महमूद गवाँ को प्रधानमन्त्री नियुक्त किया गया।

• महमूद गवाँ ने बीदर में एक महाविद्यालय की स्थापना की।

• ताजुद्दीन फिरोज के शासनकाल में रूसी यात्री निकितन बहमनी राज्य की यात्रा पर आया था।

• कलीमउल्लाह बहमनी वंश का अन्तिम शासक था। इसकी मृत्यु के समय बहमनी राज्य पाँच स्वतन्त्र राज्यों में बँट गया। इन स्वतन्त्र राज्यों से सम्बन्धित विवरण इस प्रकार है

राज्य

वंश

संस्थापक

वर्ष

बरार हमादशाही फतेहउल्लाह इमादशाह 1484 ई.
बीजापुर आदिलशाही युसुफ आदिल शाह 1489 ई.
अहमदनगर निजामशाही मलिक अहमद 1490 ई.
गोलकुण्डा कुतुबशाही कुलीकुतुबशाह 1512 ई.
बीदर बरीदशाही अमीर अली बरीद 1526 ई.

मुगल साम्राज्य

मुगल वंश संस्थापक बाबर था। उसने पानीपत के प्रथम युद्ध (1526 ई.) में इब्राहिम लोदी को पराजित केर भारत में मुगल वंश की स्थापना की।

बाबर

• बाबर फरगना के शासक उमर शेख मिर्जा का बेटा था।

• पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुलगमा पद्धति तथा तोपखाने का प्रयोग किया था।

बाबर के शासनकाल में लड़े गए प्रमुख युद्ध

युद्ध का नाम

वर्ष

प्रतिपक्षी शासक

परिणाम

पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 ई. इब्राहिम लोदी बाबर विजयी
खानवा का युद्ध 1527 ई. राणा साँगा बाबर विजयी
चन्देरी का युद्ध 1528 ई. मेदनी राय बाबर विजयी
घाघरा का युद्ध 1529 ई. अफगानों की सम्मिलित सेना बाबर विजयी

• बाबर ने अपनी आत्मकथा 'बाबरनामा' की रचना तुर्की भाषा में की; जिसका अनुवाद बाद में फारसी भाषा में अब्दुल रहीम खानखाना ने किया।

• प्रारम्भ में बाबर के शव को आगरा में दफनाया गया, बाद में काबुल में दफनाया गया।

हुमायूँ (1530-40, 1555-56 ई.)

• हुमायूँ ने अपने राज्य का बँटवारा अपने भाइयों में कर दिया।

• 1533 ई. में उसने 'दीनपनाह' नामक नगर की स्थापना की।

• जून 1539 ई. में हुमायूँ तथा शेर खाँ के बीच चौसा का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूँ पराजित हुआ।

•1540 ई. में हुमायूँ तथा शेर खाँ, के बीच कन्नौज या बिलग्राम का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूँ पुनः पराजित हुआ तथा उसे भारत छोड़कर भागना पड़ा।

• हुमायूँ के निर्वासन काल में ही 1542 ई. में अमरकोट में अकबर का जन्म हुआ।

•1555 ई. में 'मच्छीवाड़ा एवं सरहिन्द के युद्ध' में हुमायूँ ने अपना खोया साम्राज्य वापस प्राप्त कर लिया।

• 1556 ई. में दीनपनाह भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई।

शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.)

• शेरशाह का असली नाम फरीद खाँ था। उसके पिता हसन खाँ सासाराम के जमींदार थे।

• 1540 ई. में कन्नौज के युद्ध में विजयी होने के बाद उसने शेरशाह की उपाधि धारण की।

• उसने पुराने सिक्कों की जगह शुद्ध सोने-चाँदी के सिक्के जारी किये।

• उसने 'जब्ती' प्रणाली लागू की, जिसके अन्तर्गत लगान का निर्धारण भूमि की माप के आंधार पर किया जाता था।

• शेरशाह ने रुपया का प्रचलन शुरू किया, जो 178 ग्रेन चाँदी का होता था।

• उसने दिल्ली में पुराने किले का निर्माण करवाया। उसके अन्दर 'किला-ए-कुहना मस्जिद' का निर्माण करवाया।

• उसके शासनकाल में मलिक मुहम्मद जायसी ने 'प‌द्मावत' की रचना की।

• शेरशाह का मकबरा सासाराम में स्थित है।

• कालिंजर विजय अभियान के दौरान शेरशाह की तोप फटने से मृत्यु हो गई।

• शेरशाह ने 'सड़क-ए-आजम' (ग्राण्ड ट्रंक रोड) का निर्माण करवाया, जो सोनारगाँव से पेशावर तक जाती थी।

अकबर (1556-1605 ई.)

• अकबर राज्याभिषेक 14 वर्ष की आयु में पंजाब के नामक स्थान पर हुआ था।

• बैरम खाँ अकबर का संरक्षक था।

• पानीपत का द्वितीय युद्ध नवम्बर, 1556 ई. में हुआ, जिसमें वैरम खाँ के नेतृत्व वाली मुगल सेना ने हेमू के नेतृत्व वाली अफगान सेना को पराजित किया।

अकबर के महत्त्वपूर्ण कार्य

क्र.सं. वर्ष कार्य
1. 1562 ई. दासप्रथा का अन्त
  1562 ई.  अकबर को हरमदल से मुक्ति
3. 1563 ई. तीर्थयात्रा कर समाप्त
4. 1564 ई.  जजिया कर समाप्त
5. 1571 ई. फतेहपुर सीकरी की स्थापना एवं राजधानी का आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानान्तरण
6.  1575 ई. इबादतखाने की स्थापना
7. 1578 ई.  इबादतखाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति
8. 1579 ई.  मजहर की घोषणा
9. 1582 ई.  दीन-ए-इलाही की स्थापना
10. 1583 ई.  इलाही सम्वत् की शुरूआत

• अकबर के शासनकाल के दौरान 1576 ई. में मेवाड़ के शासक राणा प्रताप तथा मुगल सेना के बीच 'हल्दी घाटी का युद्ध' हुआ, जिसमें मानसिंह के नेतृत्व में मुगल सेना विजयी रही।

• अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई. में 'दहसाला बन्दोबस्त' लागू किया।

• दीन-ए-इलाही स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिन्दू राजा बीरबल था। बीरबल के बचपन का नाम महेश दास था।

• अबुल फजल ने 'आईन-ए-अकबरी' तथा 'अकबरनामा' नामक ग्रन्थ की रचना की। अकबर के दरबार में 'नवरत्न' थे जिनमें तानसेन, बीरबल, टोडरमल आदि प्रमुख थे।

• 'मनसबदारी प्रथा' एक विशिष्ट सैन्य एवं प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसे भारत में अकबर ने प्रारम्भ किया था।

• अकबर के दरबार में अब्दुस्समद, दसवन्त एवं बसावन प्रमुख चित्रकार थे। अकबर का मकबरा सिकन्दरा में है।

जहाँगीर (1605-1627 ई.)

• जहाँगीर के बचपन का नाम सलीम था। यह नाम अकबर ने सूफी सन्त शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा था।

• जहाँगीर को 'न्याय की जंजीर' के लिए याद किया जाता है जो उसने आगरा के किले में लगवाई थी।

• अपने विद्रोही पुत्र खुसरो का साथ देने के आरोप में उसने सिखों के पाँचवें गुरु अर्जुन देव को फाँसी दे दी थी।

• जहाँगीर ने मेहरुन्निसा को शादी के बाद 'नूरमहल' एवं 'नूरजहाँ' की उपाधि दी।

• नूरजहाँ ईरान निवासी ग्यासबेग की पुत्री एवं अली कुली बेग (शेर अफगन) की विधवा थी।

• जहाँगीर के शासनकाल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में अपनी पहली फैक्ट्री सूरत में स्थापित की।

• जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा 'तुजुके जहाँगीरी' की रचना फारसी भाषा में की।

• जहाँगीर के समय मुगल चित्रकला चरमोत्कर्ष पर थी।

• जहाँगीर के दरबार में आगा रजा, अबुल हसन, उस्ताद मंसूर, विशनदास, मनोहर आदि प्रमुख चित्रकार थे।

• जहाँगीर की मृत्यु भीमवार नामक स्थान पर हुई। उसे शहादरा (लाहौर) में रावी नदी के किनारे दफनाया गया।

शाहजहाँ (1627-1658 ई.)

• शाहजहाँ का जन्म लाहौर में 5 जनवरी, 1592 को मारवाड के मोटा राजा उदयसिंह की पुत्री जगत गोसाई के गर्भ से हुआ था।

• शाहजहाँ का विवाह 1612 ई. में आसफ खाँ की पुत्री अर्जुमन्द बानू बेगम से हुआ, जो बाद में मुमताज महल के नाम से विख्यात हुई।

• शाहजहाँ ने मुमताज महल को मलिका-ए-जमानी की उपाधि दी। 1631 ई. में मुमताज की मृत्यु के बाद उसकी यादगार में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करवाया।

• उसने पुर्तगालियों के बढ़ते प्रभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से 1632 ई. में पुर्तगालियों से युद्ध किया एवं हुगली पर अधिकार कर लिया।

• उसने दिल्ली में एक महाविद्यालय का निर्माण एवं दारुल बका नामक महाविद्यालय की मरम्मत करवाई।

• उसने दिल्ली में 'शाहजहाँनाबाद' नामक नया नगर बसाया तथा यहाँ नई राजधानी स्थापित की।

• मयूर सिंहासन का निर्माण शाहजहाँ ने ही करवाया था।

• शाहजहाँ द्वारा बनवाई गई प्रमुख इमारतें हैं- दिल्ली का लाल किला, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद आदि।

• उत्तराधिकार के युद्ध में औरगंजेब ने शाहजहाँ को बन्दी बना कर आगरा के किले में डाल दिया जहाँ, 1666 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

औरंगजेब (1658-1707 ई.)

• औरंगजेब को शासक बनने के लिए अपने भाइयों से युद्ध करना पड़ा था।

• दारा एवं औरंगजेब के बीच उत्तराधिकार का अन्तिम युद्ध देवराई की घाटी में 1659 ई. में हुआ। युद्ध में औरंगजेब विजयी रहा। उसके बाद

• उसने इस्लाम धर्म की अवहेलना के आरोप में दारा की हत्या करवा दी।

• 1659 ई. में दिल्ली में शाहजहाँ के महल में दूसरी बार औरंगजेब का राज्याभिषेक हुआ।

• औरंगजेब के समय मुगल साम्राज्य का सर्वाधिक विस्तार हुआ था। उसके शासनकाल में हिन्दू मनसबदारों की संख्या भी सबसे अधिक थी।

• इस्लाम धर्म नहीं स्वीकार करने के कारण सिखों के नवें गुरु तेग बहादुर की हत्या औरंगजेब ने करवा दी।

• उसे 'जिन्दा पीर' भी कहा जाता है।

• उसने 1679 ई. में हिन्दुओं पर जजिया कर लगाया।

• उसने 'झरोखा दर्शन' तथा 'तुलादान प्रथा' पर प्रतिबन्ध लगा दिया।

• औरंगजेब ने अपना अधिकतर समय दक्षिण भारत को जीतने में लगा दिया, जो उसके लिए नासूर साबित हुआ।

• औरंगजेब को मृत्यु के बाद दौलताबाद के निकट दफना दिया गया। उसका मकबरा औरंगाबाद में स्थित है।

• दिल्ली के लाल किला में 'मोती मस्जिद' का निर्माण औरंगजेब ने करवाया था।

मराठा राज्य

• मराठा-शक्ति का उत्कर्ष शिवाजी के नेतृत्व में हुआ। उनका जन्म 1627 ई. में पूना के निकट स्थित शिवनेर किले में हुआ था।

• शिवाजी (1627-1680 ई.) के पिता का नाम शाहजी भोंसले तथा माता का नाम जीजाबाई था।

• शिवाजी के गुरु एवं संरक्षक दादाजी कोण्डदेव थे। उनके आध्यात्मिक गुरु स्वामी समर्थ रामदास थे।

• अपने सैन्य अभियान के अन्तर्गत शिवाजी ने सर्वप्रथम तोरण के किले को जीता। शिवाजी की राजधानी रायगढ़ थी।

• उन्होंने बीजापुर के सेनापति अफजल खाँ को पराजित कर, उसकी हत्या कर दी। शिवाजी ने 'गुरिल्ला युद्ध' पद्धति को अपनाया था।

• शिवाजी और राजा जयसिंह के बीच 1665 ई. में पुरन्दर की सन्धि हुई।

• 1674 ई. में शिवाजी ने रायगढ़ में अपना राज्याभिषेक कराया। उनका राज्याभिषेक काशी के प्रसिद्ध विद्वान् श्री गंगा भट्ट से करवाया गया। उन्होंने 'छत्रपति' की उपाधि धारण की।

• शिवाजी का अन्तिम महत्त्वपूर्ण अभियान 1676 ई. में कर्नाटक का अभियान उनकी मृत्यु 1680 ई. में हो गई।

• शिवाजी ने शासन कार्यों में सहयोग के लिए आठ मन्त्रियों की एक परिषद् गठित की, जिसे 'अष्ट प्रधान' जाता था। 

• शिवाजी की कर व्यवस्था मलिक अम्बर की व्यवस्था पर आधारित थी।

• बालाजी विश्वनाथ मराठों के प्रथम पेशवा थे, उन्हें 'मराठा साम्राज्य का द्वितीय संस्थापक' भी कहा जाता है।

• बालाजी विश्वनाथ ने 1719 ई. में मुगलों से एक सन्धि की, जिसे 'मराठा साम्राज्य का मैग्नाकार्टा' कहा जाता है।

• बाजीराव प्रथम के समय मराठों की शक्ति चरमोत्कर्ष पर थी। उसे हिन्दू पद पादशाही का सिद्धान्त प्रतिपादित करने का भी श्रेय दिया जाता है।

• बालाजी बाजीराव को 'नाना साहब' के नाम से भी जाना जाता है। इसने पेशवा के पद को पैतृक बनाया।

• बालाजी बाजीराव के समय ही पानीपत का तृतीय युद्ध (14 जनवरी, 1716 ई.) हुआ। इसमें अहमदशाह अब्दाली के नेतृत्व में अफगान सेना विजयी रही।

• बाजीराव द्वितीय मराठों का अन्तिम पेशवा था। 1818 ई. में अंग्रेजों ने पेशवा पद को समाप्त करके बाजीराव द्वितीय को कानपुर के निकट बिठूर निर्वासित कर दिया, जहाँ 1853 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

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