कार्य शक्ति और ऊर्जा

कार्य : यदि किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु का बल की दिशा में विस्थापन होता है, तो उसे कार्य कहते है।

कार्य = बल X बल की दिशा में विस्थापन 

W - FXS

 कार्य अदिश राशि है, इसका S.I मात्रक-न्यूटन मीटर होता है।

1 जूल कार्य = 1 न्यूटन X मीटर 

A . धनात्मक कार्य होता है, जब 

  • कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से गुरुत्व के अधीन गिरती है उदाहरण :- जब घोडा समतल सड़क पर गाडी को खींचता है।

B. ऋणात्मक कार्य होता है, जब 

  • कोई वस्तु स्वतंत्र खुरदरी सतह पर फिसलती है।
  • एक धनावेशित कण दूसरे धनावेशित कण की और जाता है।

C. शून्य कार्य होता है, जब

  • वस्तु वृत्त पर एक पूरा चक्कर लगाती है। 
  • जब एक कुली सर पर बोझ लेकर समतल प्लेटफार्म पर चलता है। 

सामर्थ्य/शक्ति 

सामर्थ्य = W/T 

S.I. पद्दति में इसका मात्रक जूल/सेकंड अथवा वॉट है।

1 वॉट =1 जूल /1 सेकण्ड = 1 जूल/ सैकण्ड 

1 किलो वाट = 1000 वाट 

1 मेगावाट = 106वाट 

मशीनों की शक्ति को अश्व शक्ति में व्यक्त करते है।

1 HP = 746 वॉट

शक्ति के मात्रक = W,KW,MW, व HP ऊर्जा :-

ऊर्जा किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता है। 

यह अदिश राशि है। 

मात्रक - जूल 

ऊर्जा के प्रकार :- 

1. गतिज ऊर्जा : किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने की क्षमता गतिज ऊर्जा है।

यदि m द्रव्यमान की वस्तु पृथ्वी ताल से v वेग से चल रही है, तो उस वस्तु की गतिज ऊर्जा होगी -

K = 1/2 mv 2

प्रमुख उदाहरण - 

  • वायु की गतिज ऊर्जा से अपावन चक्की चलती है। 
  • पानी की गतिज ऊर्जा से जल चक्की चलती है। 
  • बंदूक की गोली के लक्ष्य में धसने का प्रमुख कारण गतिज ऊर्जा है।

2. स्थितिज ऊर्जा :- 

  • किसी वस्तु की स्थिति के कारण प्राप्त होने वाली ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा है। 
  • यदि m द्रव्यमान की वस्तु की स्थितिज ऊर्जा = U =mgh 

प्रमुख उदाहरण :-

  • तने हुए धनुष की स्थिति की स्थितिज ऊर्जा के कारण ही बाण आगे की और जाता है।
  • बाँध की ऊँचाई पर स्थित जल की स्थितिज ऊर्जा का प्रयोग विधुत ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है। 

द्रव्यमान ऊर्जा तुल्यता सिद्धांत

सन 1905 में आइंस्टीन ने द्रव्यमान व ऊर्जा के बीज में संबंध स्थापित किया। 

E = mass 

c = प्रकाश का वेग 

क्या आप जानते है ?

  • लिफ्ट में व्यक्ति का भार उसके वस्तविक भार से अधिक होता है, जबकि लिफ्ट ऊपर की और त्वरित होती है। 
  • टेनिस की गेंद मैदान की अपेक्षा किसी पहाड़ी पर अधिक ऊँची उछलती है, क्योकि पर्वतो पर पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण कम हो जाता है। 
  • यदि वस्तु की चाल आधी कर दी जाए तो गतिज ऊर्जा - एक चौथाई रह जाती है 
  • गतिज ऊर्जा है - यांत्रिक ऊर्जा 
  • सम्पीड़ित कमानी द्वारा संचित ऊर्जा है - स्थितिज ऊर्जा 
  • किसी वस्तु पर 5 न्यूटन का बल लगाने पर उसमे 8 मीटर विस्थापन होता है तो कार्य का मान होगा।  - 40 जूल 
  • यदि 2 जूल कार्य 2 सेकंड में किया जाए, तो सामर्थ्य का मान होगा - 1 वॉट 
  • कार्य का मान शून्य होगा - यदि विस्थापन बल की दिशा में लंबवत हो 
  • घड़ी की कुंडलित अवस्था तथा ठहरे हुए पानी में ऊर्जा होती है - स्थितिज ऊर्जा 
  • ४ किग्रा। व 9 किग्रा द्रव्यमान के दो पण्डो लो गतिज  ऊर्जा समान है, उनके वेगो का ामुपात होगा - 2 : 3
  • संवेग के लिए लम्बाई तथा समय की विभाए क्रमश :कितनी है ? - L 1 T -T -1 
  • एक व्यक्ति एक दीवार को धक्का देता है, परन्तु दीवार को विस्थापित करने में असफल रहता है, तो वह कितना कार्य करता है ? - कोई कार्य नहीं हो रहा होता है। 
  • जब एक वस्तु द्वारा तय की गई दूरी दुगुनी की जाती है तो उसकी गतिज ऊर्जा - चौगुनी हो जाएगी 
  • 10 किलो के एक पिंड को 30 मीटर की ऊंचाई पर ले जाकर फ़ीस उसी स्थान पर लाया जाता है, जहां से वह चला था, तो कार्य कार्य होगा - 0 जूल 
  • 1 किग्रा मात्रा को 9.8 मीटर ऊंचाई तक उठाने में लगभग कितना कार्य किया जायेगा - ( 9.8)2 J
  • जब एक कण रैखिक सरल आवर्त गति में रहता है, तो उसकी गतिज ऊर्जा अधिकतम कहाँ होती है ? - माध्य स्तिथि पर 
  • एक चलती हुई कार और एक इंजन दोनों में समान गतिज ऊर्जा है तो किसका संवेग ज्यादा होगा - रेल इंजन का 
  •  साधारण मशीन की क्षमता सामान्यतः दर्शायी जाती है - किलोवाट 

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