गति : यदि किसी वस्तु की स्थिति किसी स्थिर वस्तु के सापेक्ष एक समान रूप से बदल रही हो तो वह गति कहलाती है।
जैसे - चलती कार की स्थिति सड़क के आस पास लगे पेड़ खम्भे व संकेतो सापेक्षो समय के साथ बदलती है
दूरी और विस्थापन
- दूरी : निश्चित समय में किसी वस्तु द्वारा तय किए गए पथ की लम्बाई को दुरी कहते है।
दूरी का मात्रक = मीटर या किलोमीटर दूरी अदिश राशि है यह सदैव धनात्मक होती है।
- विस्थापन : किसी वस्तु की प्रारम्भिक व अंतिम स्थितियों के बीच की दूरी विस्थापन है। विस्थापन का SI नाटर्क m है।
- चाल सदैव धनात्मक होती है।
चाल = दूरी / समय
- यदि सदिश राशि है। इसका मान +, - एवं 0 भी हो सकता है।
संवेग = द्रव्यमान X वेग =
त्वरण = वेग परिवर्तन /समय अंतराल
- यह सदिश राशि है।
- यदि किसी वस्तु का वेग t1 सेकंड में v1 एवं t1सेकंड में v1 हो तो :-
a = v2 - v1 /t2 - t1
न्यूटन की गति के नियम
प्रथम नियम : यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है या एक विरामावस्था अथवा गति की अवस्था में ही रहेगी जब तक की उस पर कोई बाह्य बल आरोपित न हो।
इसे गैलीलियो का जड़त्व नियम भी कहते है।
जड़त्व की परिभाषा : वस्तुओ की प्रथम अवस्था में स्वतः परिवर्तन नहीं होने की प्रवृत्ति जड़त्व है। जड़त्व दो प्रकार का होता है - विराम एवं गति।
उदाहरण -
- एथलीट ऊँचा कूदने से पूर्व कुछ दूरी तक दौड़ता है।
- हथौड़ी को हत्थे में कसने हेतु हत्थे को जमीन पर मारते है।
- चलती हुई बस के अचानक चल पड़ने पर उसमे बैठे यात्री आगे की और झुक जाते है।
- ठहरी हुई बस के ाछक रूकने पर उसमे बैठे यात्री पीछे की और झुक जाते है।
- गतिमान ट्रेन से कूदने वाला यात्री आगे की और गिर जाता है।
गति का दूसरा नियम : किसी भी वस्तु पर कार्य करने वाले बल का मान उस वस्तु के द्रव्यमान व वस्तु में उतपन्न त्वरण के गुणनफल के समानुपाती होता है।
बल = द्रव्यमान X त्वरण
F = m x a F = वस्तु पर आरोपित बल
m = वस्तु के द्रव्यमान
a = वस्तु में बल की दिशा में उत्पन्न त्वरण
द्वितीय नियम के प्रमुख उदाहरण :-
- काँच के बर्तन को पैक करने से पूर्व उसे भूसे/पेपर में लपेटा जाता है।
- जब एक क्रिकेटर कैच पकड़ता है, तो वह अपने हाथों को पीछे की और खींचती है।
- अधिक गहरी कील गाड़ने हेतु भारी हथौड़े का उपयोग किया जाता है।
गति का तीसरा नियम : इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के बराबर ठीक विपरीत दिशा में एक प्रतिक्रिया होती है। इसे क्रिया बराबर ठीक विपरीत दिशा में एक प्रतिक्रिया होती है इसे क्रिया प्रतिक्रिया नियम भी कहते है।
तृतीय नियम के प्रमुख उदाहरण :-
बंदूक से गोली चलाने पर बंदूक चलाने वाले को पीछे की और धक्का लगना।
किसी व्यक्ति द्वारा किनारे लगी नाव से कूदने पर नाव का पीछे हटना।
कुँए से पानी खींचने के दौरान रस्सी टूटने पर व्यक्ति का पीछे गिर जाना।
तैराक का पानी में तैरना।
महत्वपूर्ण तथ्य
- किसी वस्तु की अधिकत्तम चाल कितनी हो सकती है ? - 3 x 108मी./से.
- किसी घड़ी के सेकण्ड की सुई की कोणीय चाल कितनी होती है ? - π/30 रेडियन /सेकण्ड
- यदि कोई पिंड मंदन त्वरण के साथ चलता है, तो उसका वेग - घटेगा
- ऊपर फेंकी जाने वाली वस्तु का त्वरण होता है - ऋणात्मक
- चाल समय ग्राफ के ढलान से ज्ञात करते है - पिंड का त्वरण
- किसी वस्तु के वेग को दुगुना कर देने पर उसे रोकने की सापेक्ष दुरी होगी - तीन गुनी
- दो गेंद A तथा B किसी मीनार की चोटी से एक साथ नीचे गिराई जाती है। गेंद A ऊर्ध्वाधर नीचे की और गिरता है तथा गेंद B क्षैतीज दिशा में तो पृथ्वी ताल पर पहले कौनसी गेंद पहुंचेगी। - गेंद A व B दोनों साथ
- 2 किग्रा, तथा 4 किग्रा के दो पिंड क्रमशः A तथा B है। 100 मीटर की ऊँचाई से ये पिंड एक साथ गिराए जाते है। पहले कौनसा पिण्ड पृथ्वी पर पहुँचेगा ? - A और B दोनों एक साथ पृथ्वी पर पहुचेगे
- 20 N का बल 4 किग्रा के पिण्ड पर कार्य करता है, तो उसमें उत्पन्न त्वरण है - -5 m/S2
- साईकिल, बैलगाड़ी आदि के पहियों का जड़त्व आघूर्ण बढ़ाने के लिए पहियों की रिंग भारी व बीच का भाग खोखला बनाया जाता है।
- घड़ी के पेण्डुलम की गति दोलन होती है।
- ऊपर की और फेंकी जाने वाली वस्तु का त्वरण ऋणात्मक होता है।
- एक समान वृत्तीय गति में त्वरण व वेग दोनों ही परिवर्तित होते है।
- यदृच्छ गति : अनिश्चित पथ व दिशा में होने वाली गति को यदृच्छ गति कहते है। जैसे - 1. हॉकी फुटबॉल खेलते बच्चो की गति। 2. तितली व मधुमक्खी की गति।
- साईकिल के पैडल, चकरी झूले की गति, घड़ी सुई की गति आदि वृताकार गति है।
- परात/थाली बजाने पर होने वाली गति कंपन गति है।
- पेड़ पर लगा फल जब टूट कर नीचे गिरता है तब उसकी गति सरल रेखीय होती है।
- जेट इंजन रैखिक संवेग संरक्षण सिद्धांत पर कार्य करता है।
- यदि किसी वस्तु के त्वरण को दुगना करे, तो बल का मान भी दुगुना होगा।
- किसी गतिशील पिंड का वेग आधा करने से उसका संवेग आधा हो जाता है।
- एक लिफ्ट यदि एक समान वेग से ऊपर जा रही हो, तो उसमे खड़े व्यक्ति का भार अपरिवर्तीय रहेगा।
- जब 2 किग्रा वाले द्रव्यमान पर 5 न्यूटन का बल लगाया जाता है, तो उत्पन्न होने वाला त्वरण कितना होगा ? - 2.5 m/s 2
- 1 किग्रा राशि का वजन है - 9.8 N
- पिंड का भार शून्य नहीं होगा - किसी घर्षणहीन सतह पर
- यदि किसी चल वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का योग शून्य हो तो वह वस्तु- सतत वेग से चलती रहेगी
- यदि भार एवं आयास क्रमशः W व P हो तो यांत्रिक लाभ है -W /P
- बल का CGS मात्रक क्या है ? डाइन
- बल का व्यंजक है - F = ma
- 6 किलोग्राम द्रव्यमान के एक बॉल 4m/S2 का त्वरण उत्पन्न करने हेतु कितने वाल की आवश्यकता होगी ? 24 N
- एक वस्तु का भार किसमें अधिकत्तम होता है ? -वायु में
- किसी वस्तु पर बल लगाने से उसका - वेग बदल जाता है
- सर्पी घर्षण से लोटनिक घर्षण होता है - बहुत कम
- गतिज घर्षण बल चरम घर्षण बल से होती है - कम
- 8 किलोग्राम के बन्दुक से 20 ग्राम की एक गोली 400 मी./से. के वेग से छोड़ी जाती है, बंदूक पीछे हटेगी - 1 मी./से.के वेग से
- किसी पिंड का भार 10 न्यूटन है, तो पृथ्वी द्वारा पिंड का अपनी और आकर्षण करने वाले बल का मान होगा - 10 न्यूटन
- एक वस्तु का संवेग 10 किग्रा मी/से. है उसे 2 सेकंड में रोकने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी - 5 न्यूटन
You must be logged in to post a comment.