जीवाणु कोशिका की संरचना का वर्णन

जीवाणु सूक्ष्म जीव हैं जो प्रायः एककोशिकीय होते हैं। ये अकेन्द्रिक, कोशिका भित्तियुक्त, एककोशकीय सरल जीव हैं और प्रायः सर्वत्र पाये जाते हैं। इनका आकार कुछ मिलिमीटर तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छड़ आदि के आकार की हो सकती है। ये

जीवाणु कोशिका की संरचना (Structure of Bacterial Cell 

जीवाणु कोशिकाएँ संरचना में अत्यंत सरल तथा आध लक्षणों वाली होती है। साथ ही सामान्य कोशिकाओं से कुछ भिन्न अथवा अविकसित संरचनाये मिलती है, जो अन्य जीवों से इसे सामान्यता अलग प्रकार का ही प्रदर्शित करती है। समस्त कोशिकीय संरचनाए आदि पूर्णतया विकसित नहीं होती क्योकि ये असीम केन्द्रकीय संरचनाएँ आदि पूर्णतया विकसित नहीं होती क्योकि ये असीम केन्द्रकीय या प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ होती है। इलेक्टॉन सूक्ष्मदर्शी तथा विभिन्न अभिरंजन विधियों के द्वारा अध्ययन करने पर जीवाणु कोशिका में निम्न संरचनाएँ दिखाई देती है।

जीवाणु की संरचना - 

जीवाणुओं में फलेजेलिन नाम प्रोटीन से बनी कशाभिकाएँ होती है।  ग्राम ऋणात्मक जीवाणुओं में सबसे बाहर पोलिसैकेराइड्स की एक अवपंक परत होती है, जो दृढ़ होकर सम्पुटिका बनाती है 

जीवाणुओं की कोशिका भित्ति म्यूरिन, पेप्टिडोग्लाइकन, या म्यूकोपेप्टेड की बनी होती है। म्यूकोपेप्टेड ग्लाइकोसिडिक बन्ध से जुड़े N एसीटिलग्लूकोसेमीन एवं N एसीटिलम्यूरेमिक अम्ल तथा पशर्वीय अमीनो अम्लों ( L एलेनीन, D एलेनीन, D ग्लूटामिक अम्ल, डाइऐमीनोपालमेलिक अम्ल ) से बने होते हैं। ग्राम धनात्मकता जीवाणु की कोशिका भित्ति में टीकोईक अम्ल पाया जाता है कोशिका भित्ति के अंदर जीवद्रव्य होता है जो फास्फोलिपिड एवं प्रोटीन की बनी जीवद्रव्य कला से घिरा रहता है। जीवद्रव्य कला अंतवर्लित होकर मिजोसोम बनाती है। जीवद्रव्य कला में इलेक्टॉन अभिगमन तंत्र तथा ऑक्सीजन फोस्फोरीलीकरण के एंजाइम पाए जाते है। 

कोशिकाद्रव्य में स्वतंत्र या पोलीराइबोसोम के रूप में 70S प्रकार के राइबोसोम, बैक्टीरियोक्लोरोफिल एवं बैक्टीरियोवीरीदीं युक्त पाटलिकाएँ तथा लिपिड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि उपस्थित होते है।

जीवाणुओं में वास्तविक केन्द्रक का अभाव होता है और सामान्य गुणसूत्र नहीं होते। वलयाकार, द्विरज्जुकी DNA होता है परन्तु इसके साथ हिस्टोन प्रोटीन जुडी हुई नहीं होती, इस पूर्ण समूह को केन्द्रकाभ या जिनोफोर कहते है।

कुछ जीवाणुओं, जैसे - ई. कोलाई में प्लाज्मिड पाया जाता है यह लैंगिक जनन  सहायक, प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करने (R -कारक) तथा कोलिसन्स संश्लेषण की क्षमता (Col-कारक) रखता है। पलाकमीद, जो केन्द्रकीय 

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