जीवाणुओं का आर्थिक महत्तम समझाइये

जीवाणु सूक्ष्म दिखने वाले जीवन है जो एककोशकीय होते है ये अकेन्द्रकीय भित्तियुक्त और सरल आकार के जीव होते है। यह गोल  लम्बे और छड़ आकार के होते है। 

जीवाणुओं का आर्थिक महत्त्व (Economic lnportance of Bacteria)

  1. खाद्य पदार्थो का नाश क्लोस्ट्रीडियम बॉटुलिनम, साल्मोनेला टाइफीम्यूरियम, माइक्रोकोकस पाइरोजीनस द्वारा होता है।
  2. विनाइट्रीकरण में मृदा में विधमान नाइट्रेट को स्वतंत्र N2 या NH2 में बदलते है ; जैसे- बैसिलस दिनाईट्रिफिकेन्स।
  3. नाईट्रिफाईंग बैक्टीरिया नाइट्रोसोमोनास, नाइट्रोबैक्टर ये NH3 को नाइट्रेट में परिवर्तित करते है।
  4. नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु स्वतंत्र N2 को नाइट्रोजन यौगिकों में बदलते है, कुछ जीवाणु स्वतंत्र रूप से मृदा में दिनाईट्रिफिनेंस रहते है, कुछ जीवाणु स्वतंत्र रूप से मृदा में डीनाइट्रिडियम रहते है, जैसे एजोटोबैक्टर (वायवीय क्लोस्ट्रीडियम पाश्चुरियेनम (अवायवीय), क्रोमोटियम, रोडोस्पीरियम (प्रकाश संश्लेषी , सहजीवी N2 स्थिरीकरण लेग्यूमिनोसी कुल की गांठो में राइजोबियम जीवाणु आरडीसिया व् पीवेटिया पौधों की पत्तियों की गाठों में जैंथोमोमनाज व माइकोबैक्टीरियम जीवाणु।
  5. सिरका उधोग में शर्करा घोल पर एसीटोबैक्टर एसीटी की क्रिया से सिरका प्राप्त करते है 
  6. शर्करा घोल पर क्लॉस्ट्रीडियम एसीटोब्यूटिलियम की क्रिया से एल्कोहॉल व एसीटोन का निर्माण।
  7. तम्बाकू की पत्तियों में सुगंध व् स्वाद बढ़ाने हेतु बैसिलस मेगाथीरियम माइकोकोकस कोंडिसेंस से कराकर स्वाद बढ़ाते है।
  8. पौधों से रेशे पृथक करने के लिए क्लोस्ट्रीडियम ब्युटीरियम (सडन क्रिया) ।
  9. जैव प्रौद्योगिकी में उपयोगी ई. कोलाई और एग्रोबैक्टरियम ट्रयूमिफेसिएन्स (Ti प्लाज्मिड) 

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