लैंथेनाइडो एवं एक्टिनाइडो में अंतर एवं उपयोग लिखिए।

लैंथेनाइडो के उपयोग (Uses of Lanthnides) 

लैंथेनाइडो के मिश्रधातु को मिश धातु कहते है मिश धातु के मुख्य अवयव है - Ce (45-50%), La (25%),Nd (5%) तथा अल्प मात्रा में अन्य लैंथेनाइड धातुएँ, आयरन (5%) व अत्यल्प मात्रा में सल्फर, कार्बन कैल्सियम और एल्युमिनियम। मिश धातु का उपयोग विभिन्न प्रकार की स्टील जैसे ऊष्मारोधी, स्टेनलेस और उपकरणीय स्टील बनाने में होता है ,स्टील में 0.75%मिश धातु मिलाने से इसकी ऊष्मा के प्रति सुकरणीयता बढ़ जाती है।

स्वतः ज्वलनशील मिश्रधातु (pyrophorin alloys) के मुख्य अवयव है -सीरियम 40.5% लैंथेनम +निओडिमियम 44, आयरन 4.5% ये;एल्युमिनियम 0.5% शेष कैल्सियम, सिलिकॉन एवं कार्बन। इस मिषधातु का उपयोग प्रज्वलन युक्ति जैसे-ट्रेसर बुलेट (tracer bullets) तथा लाइटर का चकमक और कवच बनाने में होता है।

एक्टिनॉइडो के उपयोग (Uses of Actinides)

(1) थोरयम ऑक्साइड का उपयोग तापदीप्ति गैस मेंटल बनाने में होता है। रेशमी धागो से निर्मित मेन्टल को थोरियम और सीरियम नाइट्रेट (99%+1%) विलयन के मिश्रण में डूबोते है, जब उसे लैम्प में लगाकर जलाते है सिल्क धागे जल जाते है तथा थोरियम व सीरिया की जाल बच जाती है।में लगाकर जलाते है सिल्क धागे जल जाते है तथा थोरियम व सीरिया की जाल बच जाती है।

(2) थोरियम का उपयोग परमाणु भट्टी के लिए छड़ बनाने में होता है।

(3) थोरियम लवणों का उपयोग कैंसर की चिकित्सा में होता है।

(4) यूरेनियम से नाभिकीय ऊर्जा तथा इसके लवणों का उपयोग सिरेमिक, वस्त्र उधोग तथा औषधि के क्षेत्र में होता है। 

(5) प्लूटोनियम से परमाणु बम बनाये जाते है, इसका उपयोग परमाणु भट्टी में ईंधन के रूप में भी होता है।

लैंथेनाइड व ऐक्टिनाइड में तुलना

 

क्र. विसरण परासरण
1. लैंथेनाइड मुख्य रूप से +३ तथा कुछ धातुओं में +2, +4 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है  ऐक्टिनाइड +3 के अलावा +4, +5, +6, +7 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करते है।
2. संकुल बनाने की प्रवृत्ति कम होती है।  संकुल बनाने की प्रवृत्ति अधिक होती है।
3. लैंथेनाइड यौगिक कम क्षारीय होते है।  ऐक्टिनाइड यौगिक अधिक क्षारीय होते है।
4. ये ऑक्सो आयन नहीं बनाते है।  ये ऑक्सो आयन, जैसे UO+2, NpO2+, PuO+2 बनाते है। 
5. प्रोमिथियम के अतिरिक्त ये सभी अरेड़ियोधर्मी है।  सभी एटिनॉइड रेडियोक्टिव है।
   

 

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