कॉर्डेटा एवं और नॉन- कॉर्डेटा जन्तुओ में अंतर

कॉर्डेटा जमीन, जल तथा पेड़ पौधों सभी स्थानों पर पाए जाते है तथा सभी स्वतंत्र रूप से रहने वाले जीव है। और नॉन- कॉर्डेट ऐसे जानवर है जिनमे नोटोकॉर्ड नहीं होता है रॉड जैसी लोचदार संरचना जो शरीर को संरचना देती है नॉन-कॉर्डेटा जानवर कहलाते है इस अंग प्रणाली में समुद्री प्रजातियों का एक छोटा समूह शामिल किया गया है।

कॉर्डेटा और नॉन- कॉर्डेटा जन्तुओ में अंतर

 

क्र. कॉर्डेटा नॉन-कॉर्डेटा
1. इनकी सिमेंट्री बाइरेडियल होती है।  इनकी रेडियल, बाइरेडियल या कोई सिमेट्री नहीं होती है।
2. इनमे वास्तविक मेटमेरिज्म पाया जाता है।  वास्तविक या स्यूडोमेटामेरिज्म या मेटमेरिज्म का अभाव होता है। 
3. एनस या गुदा के पीछे ठोस एवं पेशीय पुच्छ वयस्क में या केवल भ्रूण अवस्था में उपस्थित।  इनमे यह अनुपस्थित होता है। 
4. जर्म स्तर ट्रिप्लोब्लस्टिक होता है। जर्म स्तर डिप्लोब्लस्टिक ट्रिप्लोब्लास्टिक या अनुपस्थित होता है।
5. वास्तविक सीलोम उपस्थित होता है।  सीलोम रहित, स्यूडोसीलोमेट या वास्तविक सीलोम उपस्थित। 
6. जीवन की किसी न किसी अवस्था  नोटोकॉर्ड अवश्य उपस्थित होती है।  इनमे नोटोकॉर्ड का पूर्ण अभाव होता है 
7. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र खोखला, नालाकर तथा आहारनाल के पृष्ठतल पर स्थित होता है।  यह ठोस तथा आहारनाल के अधर तल पर स्थित होता है।
8. जीवन की किसी न किसी अवस्था में फैरिंक्स में गिल स्लीटर्स पाये जाते है। इनमें इनका पूर्ण अभाव होता है।
9. एकल पृष्ठीय तल पर तथा गैग्लिया रहित नरवकोर्ड होती है।  दोहरी अधर तल पर स्थित तथा गैग्लिया सहित।
10. बंद प्रकार का रूधिर परिवहन तंत्र पाया जाता है।  खुला या बंद प्रकार या अनुपस्थित होता है।
11. ह्रदय अधर तल पर स्थित होता है। इनमें यह पृष्ठ तल पर स्थित होता है। 
12. इनमें लाल रूधिर कणिकाओं में हीमोग्लोबिन पाया जाता है। हीमोग्लोबिन (तथा अन्य श्वशन पिगमेंटर्स ) प्लाज्मा में घुली रहती है।
13. इनमें हिपेटिक पोर्टल तंत्र उपस्थित होता है। इनमें हिपेटिक पोर्टल तंत्र अनुपस्थित होता है।
14. डॉर्सल रूधिर वाहिनी में रूधिर का बहाव पीछे की और रहता है। इसकी डॉर्सल रूधिर वाहिनी में रूधिर का बहाव आगे की और होता है। 
15. श्वसन गिल्स या फेफड़ो के द्वारा होता है। श्वसन शरीर की सतह पर गिल्स या ट्रैकि द्वारा होता है। 
16. प्रजनन मुख्यत: सैक्यूल होता है।  प्रजनन मुख्यत: सैक्चुअल होता है। 
17. रिजनरेशन शक्ति सामान्यत : क्षीण होती है।  रिजेनरेशन शक्ति सामान्यत: सुविकसित होती है।
18. ये शीत या गर्म रूधिर वाले होते है।  ये सामान्यत: शीत रूधिर वाले होते है।

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author