DNA से m-RNA की क्रियाविधि-
DNAसे mRNA निर्माण की प्रक्रिया को अनुलेखन कहते है। इस प्रक्रिया के तहत DNAकी दो में से एक रज्जुकी से ,टम्पेलेट रज्जुकसे आनुवाशिक सूचनाओं का RNA किया जाता है। में प्रतिलिपिकरण यह प्रक्रिया RNA पोलीमरेज़ एन्जाइम द्वारा कराई जाती है। यह एन्जाइम DNAके टेम्पलेट रज्जुक जिसका धुवत 3'→5' होता है ,5'→3'दिशा में RNA का निर्माण करता है।
अनुलेखन जीन विशिष्ट होता है यह पूरे DNAका न होकर एक विशिष्ट जीन DNA खडं का होता है। अनुलेखन अर्थत DNA पर RNAबनने की प्रकिया तीन चरणों में सम्पन्न होती है - 1. आरम्भन ,2 इलंगेशन , 3 समापन।
(1). आरम्भन (Initiation)Initiation- DNAया जीन पर एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसे प्रोमोटर क्षेत्र कहते है। अनुलेखन का आरंभ करने के लिए RNA पॉलिमरेज एन्जाइम प्रोमोटर क्षेत्र बंधता है।
(2) बहुलकीकरण (Elongation) - इस चरण में RNA पॉलिमरेज़ एंजाइम टेमपलेट रज्जुक के अनुसार पूरक नाइट्रोजनी क्षारों (राइबोज़ न्यूक्लियोटाइड) को एक एक कर फोस्फोडाइऐस्टर बंध द्वारा 5' -3' दिशा में जोड़ता जाता है तथा इस प्रकार नए आर, एन. ए. रज्जुक की वृद्धि होती जाती है। यह प्रकिया तब तक जारी रहती है जब तक DNA या जीन में समापन क्षेत्र न आ जाए।
(3) समापन (Termination) आर. एन. ए. निर्माण हो जाने के पश्चात DNA के समापन स्थल पर एक प्रोटीन (रो प्रोटीन) के जुड़ जाने से RNA या m-RNA, DNA तथा RNA पोलीमरेज़ एन्जाइम एक दूसरी से अलग हो जाते है तथा RNA या m-RNA का निर्माण पूर्ण होता है।
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