Electronic Data Processing

Electronic Data Processing

1 इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग क्या है? (What is Electronic Data Processing In Hindi)

2 इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग का इतिहास (History of Electronic Data Processing In Hindi)

3 इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग के लाभ (Advantages of Electronic Data Processing In Hindi)

4 इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग के नुकसान (Disadvantages of Electronic Data Processing In Hindi)

1. इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग क्या है? (What is Electronic Data Processing In Hindi)

इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग, ऑटोमेटिक डेटा प्रोसेसिंग, , IS (Information Services or systems), MIS (Management Information Services or systems) का ही एक दूसरा रूप या synonym है जिसका इस्तेमाल आज के समय में काफी ज्यादा किया जाने लगा है।

आज के समय अधिकांश कंप्यूटर में डेटा को इलेक्ट्रॉन के रूप में स्टोर किया जाता है, और इस डेटा को प्रोसेस करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग तकनीकी का इस्तेमाल किया जाता है। 

कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग मशीन का सबसे अच्छा उदाहरण है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग, डेटा प्रोसेसिंग का एक सटीक और तेज़ तरीका है।

सरल शब्दों में, यह तीन चरणों वाली एक प्रक्रिया है जो इस प्रकार है:

इनपुट -: डेटा इनपुट डिवाइस जैसे कीबोर्ड, डिजिटाइज़र, स्कैनर आदि के माध्यम से दर्ज किया जाता है।

प्रोसेसिंग -: सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के माध्यम से डेटा को प्रोसेस किया जाता है जिसमें आमतौर पर अनुवाद, कोड एप्लिकेशन और एन्क्रिप्शन आदि शामिल हैं।

आउटपुट -: Processed data, उपयोगकर्ता को रिपोर्ट, ऑडियो, वीडियो आदि के रूप में पास किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया ऑटोमेटिक होती है, तथा इसके लिए आपके कंप्यूटर में अलग-अलग सॉफ्टवेयर तथा टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। 

यदि आप किसी भी कंपनी का कंप्यूटर या लैपटॉप खरीदते हैं, तो उसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग प्रक्रिया का हिस्सा मान किया जाता है, तथा इसके लिए आपको अलग से कोई टूल्स अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है, आप जब कोई नया कंप्यूटर या लैपटॉप खरीदते हैं, तो उसमें डाटा प्रोसेसिंग के लिए टूल्स पहले से ही होते हैं।

2. इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग का इतिहास (History of Electronic Data Processing In Hindi)

UK में Lyons Electronic Office (LEO) द्दारा सन 1951 में पहला व्यावसायिक व्यावसायिक कंप्यूटर विकसित किया गया। इन कंप्यूटर में डेटा केवल punched cards के माध्यम से दर्ज किया जा सकता था और उस समय commercial data को प्रोसेस करना बेहद कठिन और काफी समय लेने वाला कार्य था। 

ऐसे में कई संगठनों ने ऐसा सिस्टम की आवश्यकता महसूस की जो इन डेटा को बड़ी आसानी से व कम समय में प्रोसेस कर सके। और लोगो की इसी आवश्यकता ने माइक्रोप्रोसेसर को जन्म दिया 

माइक्रोप्रोसेसरों के आगमन के साथ, पंच कार्ड का उपयोग बंद हो गए और साधारण डेस्कटॉप कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग किया जाने लगा जो डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रोसेस करता है जिसे ही हम Electronic Data Processing कहते है।

3. इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग के लाभ (Advantages of Electronic Data Processing In Hindi)

इस डेटा प्रोसेसिंग के अंतर्गत कंप्यूटर में डेटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया काफी ज्यादा फास्ट होती है, क्योंकि इसमें ऑटोमेटिक टूल्स या सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है, जो डेटा प्रोसेसिंग का कार्य तेजी से करते हैं। 

इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया के दौरान काफी कम समय लगता है। आज के समय लगभग हर कंप्यूटर के अंतर्गत काफी ज्यादा मात्रा में डेटा स्टोर होता है, तथा उस डेटा को मैनुअली प्रोसेस करने के लिए काफी ज्यादा समय लग जाता यदि इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग नहीं किया जाता।

इस इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया के दौरान बड़े से बड़े प्रोसेस को भी आसानी से किया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग के लिए किसी भी व्यक्ति की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह प्रक्रिया ऑटोमेटिक कार्य करती है, इसके अलावा यदि आप मैनुअल डेटा प्रोसेसिंग का इस्तेमाल करते, तो इसके लिए आपको मेन पावर की जरूरत होती।

EDP के माध्यम से डेटा के प्रबंधन की लागत कम हो जाती है।

4. इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग के नुकसान (Disadvantages of Electronic Data Processing In Hindi)

इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग के इस्तेमाल के दौरान अंतिम इनपुट के अंतर्गत कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

जब भी इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसमें हर तरीके के डेटा को प्रोसेस करना संभव नहीं होता है, लेकिन आज के समय अनेक ऐसे टूल मौजूद है, जो लगभग प्रत्येक डेटा को प्रोसेस करने का कार्य कर देते हैं। 

इनमे कुछ-कुछ डेटा को प्रोसेस करने में ही कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग की एक फिक्स गति होती है, और इस गति को ना ही तो ब

ढ़ाया जा सकता है और ना ही कम किया जा सकता है।

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