जीवनी और आत्मकथा में अंतर

'जीवनी' तथा 'आत्मकथा' गद्य की प्रमुख विधाएँ है।  किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के जीवनवृत्त को रोचक साहित्यिक ढंग से प्रस्तुत किया जाये तो वह जीवनी कहलाता है एवं जब लेखक अपने जीवनवृत को स्वयं ही प्रस्तुत करे तब वह आत्मकथा में अनुभूति की गहराई अधिक होती है।

जीवनी और आत्मकथा में अंतर 

 

क्र. जीवनी  आत्मकथा 
1 आत्मकथा में लेखक स्वयं अपने जीवन की काठ पाठकों के समाने प्रस्तुत करता है।  जीवनी में लेखक इतिहासकार की तरह पूरी सच्चाई से किसी व्यक्ति में जीवन की जन्म से लेकर मृत्यु तक अभी घटनाओ के बारे में लिखता है। 
2 जीवनी लेखन में लेखक तटस्थ रहकर लिखता है। आत्मकथा में लेखक आपने जीवन की घटना का वर्णन अपनी स्मरण शक्ति के आधार पर करता है। 
3 जीवनी में लेखक अपने विचार और प्रतिक्रिया नहीं दर्शाता है। आत्मकथा में लेखक अपने परिवार, समाज, आर्थिक दशा, राजनैतिक घटनाक्रम का बराबर दर्शन कराता रहता है।
4 . जीवनी - कलम का सिपाही  आत्मकथा - मेरा जीवन प्रवाह। 
   

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