केन्द्रक की संरचना का वर्णन कीजिये।

केन्द्रक की संरचना-

केन्द्रक झिल्ली की उपस्थिति को सबसे पहले रॉबर्ट ब्राउन ने दर्शाया। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी का अध्ययन करने पर यह पता चलता है की यह संरचना में प्लाज्मा झिल्ली के समान ही होती है ,जो प्रोटीन लिपिडस की बनी होती है। दोनों यूनिट मेम्ब्रेन की बाहरी सतह पर अनेक राइबोसोम संलग्न रहते है। लेकिन आंतरिक सतह पर ये अनुपस्तिथ होते है।   

केन्द्रीय झिल्ली पर अनेक स्थानों एन्डोप्लाजिमक,माइटोकांडिया, गॉल्जीकाय आदि से संलग्न रहती है। 

केन्द्रक छिद्र (Nuclear pores)केंद्रीकीय झिल्ली में अनेक छोटे -छोटे छिद्र पाये जाते है जिन्हें केन्द्रकीय छिद्र या  (Nuclear Pores) कहते है। इनका अवलोकन सबसे पहले केलन एवं ने सन 1950 में किया। इन छद्रों की संख्या एवं परिमाण अलग -अलग होता है। 

अधिकांश केंदीकीय छद्रों का व्यास 100-1000A० तक होता है। कुछ कोशिकाओं में प्रत्येक केंद्रक छिद्र गोलाकार संरचना के रूप में होता है जो गोलाकार वलियका (annulus) के द्वारा परीब्धित रहता है। यह वलयिका आठ कणिकाओ,एक एमोर्फोस (Amorous)वलयिका के द्वारा परिबन्धित होती है। कुछ अन्य कोशिकाओं में केंद्रक छिद्र एक पतली झिल्ली के बने एक मध्य पट से घिरे रहते है। इस प्रकार की संरचना जंतु कोशिका के केन्द्रक में पायी जाती है। जबकि वनस्पति कोशिकाओं के केन्द्रक में इन संरचना का अभाव होता है। केन्द्रक झिल्ली एवं वलयिका के द्वारा बनी इस जटिल संरचना को पोर कॉम्प्लेक्स (Pore Complax ) कहाँ जाता है 

केन्द्रक द्रव्य (Nucleoplasm)- 

केन्द्रक में विशेष प्रकार का द्रव्य भरा होता है। यह झिल्ली के उपकेन्द्रक के बीच में पाया जाता है इसका रासायनिक संगठन काफी जटिल होता है। लेकिन इसमें अन्य कार्बनिक अकार्बनिक पदार्थ अम्ल,खनिज लवण,प्रोटीन ,लिपीड्स आदि पाये जाते है। 

केन्द्रक जालक या क्रोमेटिन जालक (Nuclear Reticulum or Chromatin Network )- केन्द्रक द्रव्य या न्युकीलोप्लाज्मा में अनेक धागे के समान कुंण्डलित संरचनायें पायी जाती है,इन्हें क्रोमेटिन जालक कहते है। इनका व्यास 20-40A० होता है ये जालक केवल केन्द्रक की इंटर फेस अवस्था में ही पाये जाते है माइटोसिस एवं मियोशिस विभाजन के दौरान,ये मोटे व  फीते के समान संरचनाओं में परिणत हो जाते है। 

यूक्रोमेटिन - यह क्रोमेटिन का हल्के रंग वाला विकसित भाग होता है। इसमें DNA की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक होती है। 

केन्द्रक का रासायनिक संगठन- केन्द्रक में अनेक प्रकार के कार्बनिक एवं कार्बनिक पदार्थ पाये जाते है,जिन्हें अध्ययन की सुविधानुसार निम्न में विभक्त किया जा सकता है। 

  • प्रोटामिन्स तथा हिस्टोन्स (Protamines and Histones)- ये सरल व कम अणुभार वाले प्रोटीन्स है,प्रोटामिन्स में अमीनो अम्ल होता है,जबकि हिस्टोन में मुख्य रूप से लाइसीन अमीनो अम्ल पाये जाते है जबकि हिस्टोन अनेक कोशिकाओं में पाये जाते है ये क्रोमोसोम के पोषण ओर जनन में सहायक होते है 
  • हिस्टोन्स रहित प्रोटीन ( Non-histone proeins)- इनको अम्लीय प्रोटीन कहते है इनका अणुभार काफी अधिक होता है इनमे टायरोसिन Tyrosine होता है। ये क्रोमोसोम के अवशिष्ट प्रोटीन के समान होते है। ये केन्द्रक की विभिन्न उपापचय में भाग लेती है। 
  • न्यूक्लिक अम्ल ( Nucleic acid) - न्यूक्लिक 15 -30%भाग लिपिड होता है जो मुख्य रूप से लाइपो प्रोटीन्स केन्द्रक के कुल शुष्क भार का निर्माण करते है। 
  • लिपिड्स (lipids)- कुल न्यूक्लिक पदार्थ का 3 -10% भाग लिपिड्स होता है जो मुख्य रूप से लाइपो प्रोटीन्स एवं फास्फोलिपिड होते है ये फास्फोलिपिड एक दूसरे से काफी भिन्न होते है। 
  • कार्बनिक यौगिक (Inorganic Compounds) - न्यूक्लियो प्लाज्मा में कम मात्रा में पाये जाने के बावजूद इनका काफी महत्व होता है। 

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