दी गई संख्याओं का ल. स. वह छोटी से छोटी संख्या है, जो दी गई प्रत्येक संख्या से पूरी पूरी बार विभाजित हो जाती है। इसे संक्षेप में ल. स. कहते है।
1. गुणनखण्ड विधि (Factorcation Method) :- इस विधि के अंतर्गत निम्न क्रियाविधि अपनाई जाती है।
(a) सबसे पहले दी गई संख्याओं को अभाज्य गुणनखण्ड के रूप में लिखते है।
(b) उन सभी अभाज्य गुणनखण्डों को सबसे बड़ी घाट के साथ लिखते हैं, जो उनमे से किसी भी संख्या के गुणनखण्ड शामिल हो।
(c) इस प्रकार प्राप्त गुणनखण्डों का गुणनफल दी गई संख्याओ का ल. स. प. होता है।\
उदाहरण :- 12, 18 और 24 का ल. स. ज्ञात करो
हल :
12 = 2 × 2 × 3 = 22 × 3
18 = 2 × 3 × 3 = 2 × 32
24 = 2 × 2 ×2× 3 = 23 × 3
अभीष्ट ल. स. प. = 23 × 32 = 8 × 9
2. भाग विधि (Division Method) :- इस विधि के अंतर्गत निम्न क्रियाविधि अपनाई जाती है -
(a) जिन संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करना हो उन्हें एक पंक्ति में लिख लेते है।
(b) अब ऐसी अभाज्य संख्या ज्ञात करते है, जिससे दी गई संख्याओं में से कम से कम दो में पूरा - पूरा भाग जाता है।
(c) इसके बाद दी गई संख्याओं में से जिनमे भाजक से पूरा -पूरा भाग है लग जाता हो ,उसका भागफल और जिन संख्याओं में भाग नहीं जाता है उन्हे ज्यो का त्यो दूसरी पंक्ति में उतार लेते है
(d ) यह क्रिया उस समय तक दोहराते है। जब तक कम से कम दो संख्याओ में से किसी एक संख्या का पूरा -पूरा भाग जाता है
(e ) सभी भाजको एवं अंतिम पंक्ति की संख्याओ को गुणा करके अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्यप्राप्त करते है।
उदाहरण : 14, 21, 25, तथा 30 ल. स. का ज्ञात करो
हल :
अतः ल. स.= 2 × 3 × 5 × 7 = 1050
3 दशमलव संख्याओ का ल. स. :- दशमलव संख्याओं का ल. स. निकालने के लिए उसके संगत पूर्णाक संख्याओं का ल. स. निकाले तथा प्राप्त ल. म. में दशमलव के सबसे कम अंको की संख्या के बराबर दशमलव दाए से बाए की और लगाते है।
उदाहरण :- 2.4, 0.072, 1.08 का ल. म. ज्ञात करो ?
हल : 24. 72 तथा 108 का ल. स.= 216
अतः ल. स. 21.6
4. घातांक संख्याओं का ल. स. :- यदि दी गई संख्याओं का आधार समान है और घाट आसमान हो तो अधिकतम घर वाली संख्या उसकी ल. स. होगा।
उदाहरण :- 23 , 24 , 23, 35 ,का ल. स. 219 होगा
नोट :- यदि दी गई संख्याओं का आधार आसमान हो, तो ल. स. गुणनफल विधि से निकालते है उदाहरण 23 , 24 , 23, 35 का ल. स. 24 × 35 होगा।
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