नाटक - नाटक एक प्रमुख दृश्य काव्य है। यह एक ऐसी अभिनयपरक विधा है, जिसमे सम्पूर्ण मानव जीवन का रोचक वर्णन होता है।
एकांकी - डॉ. नगेन्द्र के अनुसार, एकांकी में हमें जीवन का क्रमबध्द विवेचन मिलकर उसके एक पहलू, एक महत्वपूर्ण घटना, एक विशेष परिस्थिति अथवा एक ुद्दुपत क्षण का चित्रण मिलेगा। अतः उसके लिए एकता अनिवार्य है। "
नाटक और एकांकी में अंतर
क्र. | नाटक | एकांकी |
1 | नाटक में प्रमुख कथा के साथ गौण कथाएं भी जुडी होती है। | जबकि एकांकी में एक ही कथा का अस्तित्व होता है। |
2 | नाटक दृश्य काव्य का विस्तृत रूप है। | जबकि कांकि दृश्य काव्य का लघु रूप होता है। |
3 | नाटक के अनेक अंक होते है। | जबकि एकांकी में एक ही अंक का आयोजन किया जाता है। |
4 | नाटक में संकलनत्रय की एकता पर विशेष बल नहीं दिया जाता। | जबकि एकांकी में संकलनत्रय पर विशेष बल दिया जाता है। |
5 | नाटक का आकार विस्तृत होता है। उसमे कई अंक तथा अंको के दृश्य होते है। | जबकि एकांकी का आकार छोटा होता है। तथा इसमें मात्र एक अंक होता है |
6 | नाटक की तीन या इससे भी अधिक घंटे की समय सीमा होती है। | जबकि एकांकी आधे घंटे की समावधि में समाप्त हो जाता है। |
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