राजस्व, भारत में बैकिंग प्रणाली, भारत में बीमा

राजस्व

करों द्वारा प्राप्त होने वाली आय दो प्रकार के स्रोतों से प्राप्त होती है

(a) प्रत्यक्ष करों से प्राप्त आय

(b) अप्रत्यक्ष करों से प्राप्त आय

• भारत में आयकर 'जेम्स विल्सन' ने प्रारम्भ किया।

केन्द्र व राज्य सरकार के कर स्रोत

केन्द्र सरकार

राज्य सरकार के कर

प्रत्यक्ष कर

आयकर, निगम कर, धन कर, एस्टेट ड्यूटी, उपहार कर, व्यय कर, ब्याज कर आदि।

कृषि आय पर कर, भू-राजस्व, व्यवसाय पर कर, रोजगारों पर कर, होटल प्राप्तियों पर कर, गैर शहरी अचल सम्पत्तियों पर कर आदि।

अप्रत्यक्ष कर

सीमा सुल्क, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, केन्द्रीय बिक्री कर, केन्द्रीय व्यापार कर आदि।

व्यापार कर, बिक्री कर, स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क, राज्य उत्पाद शुल्क, चुंगीकर, सट्टेबाजी पर कर आदि।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)

वस्तु एवं सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर है। यह करों की एकीकृत प्रणाली है, इसके लगने के बाद अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो गए हैं। यह 1 जुलाई, 2017 से लागू हुआ है। यह केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा लगाया जा रहा है इसके लागू होने से एक राष्ट्र, एक बाजार और एक कर की अवधारणा मजबूत हुई है।

केन्द्र सरकार के समाप्त होने वाले अप्रत्यक्ष कर

• सीमा शुल्क

• VAT

• केन्द्रीय उत्पादक शुल्क

• केन्द्रीय बिक्री कर

• सेवा कर इत्यादि।

राज्य सरकार के समाप्त होने वाले अप्रत्यक्ष कर

• बिक्री कर/व्यापार कर

• राज्य उत्पाद शुल्क

• प्रवेश कर

• शिक्षा/उपकर

• कच्चे जूट पर कर आदि।

• वस्तुओं एवं यात्रियों पर परिवहन कर

• स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क

• वाहनों पर करे

• विज्ञापन कर

• सट्टेबाजी पर कर

GST के अन्तर्गत समाप्त होने वाले अप्रत्यक्ष कर

इसके अन्तर्गत पेट्रोलियम, शराब (आबकारी) तथा विद्युत कर शामिल है। जिन पर GST लागू नहीं हुआ है। इन्हें भविष्य में समाप्त किया जाएगा।

GST के अन्तर्गत लागू करों की दर

• GST के अन्तर्गत मुख्य रूप से करों की दर चार प्रकार की है- 5%, 12%, 18% व 28%।

• ज्यादातर दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगाया गया है अर्थात् यह 0% है।

• करों के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय जीएसटी परिषद के द्वारा लिया जाता है।

भारत में बैकिंग प्रणाली

• भारत में पहला व्यापारिक बैंक 1786 ई. में जनरल बैंक ऑफ इण्डिया खोला गया था, इसके पश्चात् 1790 में बैंक ऑफ हिन्दुस्तान स्थापित किया गया था।

• 1881 ई. में स्थापित अवध कॉमर्शियल बैंक किसी भारतीय (सीमित) द्वारा संचालित पहला बैंक था।

• पूर्णरूप से पहला भारतीय बैंक पंजाब नेशनल बैंक था जिसकी स्थापना 1894 ई. में की गई थी।

• वर्ष 1921 में तीन प्रमुख प्रेसीडेन्सी बैंकों को मिलाकर भारतीय इम्पीरियल बैंक की स्थापना की गई।

• भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 में हुई थी।

• 1 जनवरी, 1949 को रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया। इसका मुख्यालय मुम्बई में है।

• 1 जुलाई, 1955 को इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया का राष्ट्रीयकरण कर इसका नाम परिवर्तित कर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया कर दिया गया।

• 19 जुलाई, 1969 ई. को 14 बड़े व्यावसायिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।

• 15 अप्रैल, 1980 ई. को 6 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।

• भारतीय स्टेट बैंक में उसके एक सहायक बैंक स्टेट बैंक ऑफ इन्दौर का प्रस्तावित विलय अगस्त 2010 में प्रभावी हो गया। इससे पूर्व अगस्त 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का भारतीय स्टेट बैंक में विलय किया गया था।

• अब भारतीय स्टेट बैंक के सहायक बैंकों की संख्या पाँच रह गई है. जिनमें स्टेट बैंक ऑफ इन्दौर मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला तथा स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर शामिल हैं।

• दूसरी ओर, निजी क्षेत्र के बैंक ऑफ राजस्थान का आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में विलय अगस्त 2010 से प्रभावी हो गया।

• 1 अप्रैल, 2017 को भारतीय स्टेट बैंक में उसके सहायोगी (पाँच) बैंकों व भारतीय महिला बैंक का विलय हो गया। विलय के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) दुनिया के 50 बड़े बैंकों में शामिल हो गया।

• भारतीय रुपये के प्रतीक चिह्न को केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल ने अपनी स्वीकृति दे दी। अमेरिकी डॉलर, यूरो, ब्रिटिश पौंड और जापानी येन की तरह अब रुपये का भी अपना प्रतीक चिह्न (र) होगा। रुपये का प्रतीक चिह्न भारतीय मुद्रा की पहचान कायम करेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी एव मजबूती को रेखांकित करेगा। इस चिह्न को यूनीकोड मानक में शामिल किया जाएगा, जिससे दुनिया की सभी भाषाओं में इसे लिखा जा सके। रुपये के इस प्रतीक चिह्न (र) का डिजाइन मुम्बई आई.आई.टी. से पढ़े डी. उदय कुमार द्वारा किया गया।

• 8 नवम्बर, 2016 की मध्यरात्रि से सरकार ने ₹500 व ₹1000 के नोटों को बन्द (विमुद्रीकरण) कर दिया है। उसके जगह ₹500 व ₹2000 के नए नोट जारी किए हैं।

• नरसिंहम समिति का सम्बन्ध बैंकिंग सुधार से है।

भारत में बीमा

• भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना 2 अक्टूबर, 1975 में की गई।

• भारत की प्रथम जीवन बीमा कम्पनी ओरियण्टल सोसायटी (1818 ई.) थी।

• भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की स्थापना 1 सितम्बर, 1956 ई. में हुई। इसका मुख्यालय मुम्बई में है।

• भारतीय साधारण बीमा निगम की स्थापना 1972 ई. में की गई थी, जिसने 1 जनवरी, 1973 ई. से काम करना शुरू कर दिया।

• मल्होत्रा समिति की संस्तुति पर भारत में बीमा क्षेत्र का निजीकरण कर दिया गया है।

• बीमा क्षेत्र में निजी कम्पनियों के प्रवेश का मार्ग खोलते हुए सरकार ने 'बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण' (इरडा) की स्थापना की है,

• जो बीमा कम्पनियों की कार्य प्रणाली पर निगरानी रखती है।

प्रमुख वित्तीय संस्थान एवं उनके स्थापना वर्ष

वित्तीय संस्थान

स्थापना वर्ष

रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया (RBI) 1 अप्रैल, 1935
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया (SBI) 1955 ई.
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) 1956 ई.
भारतीय यूनिट ट्रस्ट (UTI)

1964 ई.

भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI)

1964 ई.

साधारण बीमा निगम (GIC)

1972 ई.

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (EXIM)

1982 ई.

राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (NABARD 1982 ई.
भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण बैंक (IRBI) 1985 ई.
राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) 1988 ई.
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) 1990 ई.

सेबी (SEBI)

शेयर मार्केट में होने वाले वृहद कारोबार को नियन्त्रित एवं विनियमित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा संसद में एक कानून पारित करके 12 अप्रैल, 1988 को 'सिक्योरिटीज एण्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इण्डिया' (SEBI) की स्थापना की गई। यह एक गैर-संवैधानिक संस्था है, जिसे 30 जनवरी, 1992 को एक अध्यादेश द्वारा वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। 'सेबी का मुख्यालय मुम्बई में है, जबकि इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, दिल्ली, एवं चेन्नई में भी स्थापित किए गए हैं।

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