रोजगार के लिए भी रिश्वत देने पड़ते हैं यहाँ के बेरोजगारों को

सिंगरौली(शशी कांत कुशवाहा): उर्जाधानी सिंगरौली में कई दर्जन औद्योगिक इकाइयों ने अपना आशियाना बनाया हुआ है औद्योगिक कंपनी की लगातार बढ़ रही संख्या से एक तरफ जहां जिलेवासियों को उम्मीद थी कि उन्हें भी रोजगार के अवसर प्रदान होंगे इसके साथ ही उन लोगों को भी एक आस बनी रही जिनकी जमीन जिले की औद्योगिक इकाइयों ने अधिग्रहण कर लिया था। परंतु लगातार समय बीतने के साथ-साथ लोगों की उम्मीद में लगातार पानी फिरता दिखाई पड़ने लगा है। कहने के लिए भले ही जिले में कई दर्जन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना जिले में हो चुकी है परंतु रोजगार के मामले में हालात कुछ अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं एक तरफ जहां जिले में बेरोजगारों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है वहीं दूसरी तरफ रोजगार के अवसर मात्र खानापूर्ति  तक ही सीमित हैं ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि जिले के स्थानीय बेरोजगारों का आरोप है। संबंधित आरोपों को लेकर जिले के कई राजनीतिक दल भी हरकत में आ चुके हैं इसके साथ ही कंपनी प्रबंधन सहित जिला प्रशासन को भी कई बार चेताने के बाद भी जब यह मसला हल होता दिखाई नहीं दिया इसके बाद से लगातार क्षेत्रीय युवाओं में रोजगार न मिलने का रोष स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है आलम यह है कि अब तो जिले में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति भी बिगड़ने जैसी प्रतीत होने लगी है। इसके पीछे की प्रमुख वजह बेरोजगारों से पैसा लेकर नौकरी का झांसा देकर उनके साथ ठगी के मामले भी निकाल कर सामने आ चुके हैं।

 

ओबी कंपनीयों पर रोजगार के बदले पैसे लेने का आरोप

खुली खदाने जिन्हें हम ओपन कास्ट माइन कहा जाता है ऐसी खदानों से कोयला निकलने के लिए कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी कोयले की परत तक पहुँचने के लिए ऊपर की मिट्टी (ओवर बर्डन ) हटाने के लिए हजारों करोड़ रुपये के टेंडर जारी करती है यही कंपनी ओबी कंपनी कहलाती है। कोयला उत्पादन के क्षेत्र में जानी-मानी कंपनी नॉर्दर्न कोल फील्ड लिमिटेड के विभिन्न परियोजनाओं में स्थित ओवर वर्डन कंपनियां जहां लगभग 500 से 1000 लोगों को रोजगार देने का कार्य करती है एवं जिले के स्थानीय लोगों की अनदेखी के साथ इन्हीं कंपनियों के ऊपर पैसा लेकर रोजगार प्रदान करने के आरोप लगने का सिलसिला जारी है हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब ओवरव्हार्डन कंपनियों के ऊपर पैसे के बदले रोजगार का आरोप लगा है इससे पूर्व में भी कई मामले ऐसे निकल कर सामने आ चुके हैं जहां पर रोजगार के बदले पैसे की बात सामने आ चुकी है, जिसमें की पुलिस ने कुछ मामलों में आपराधिक मामला दर्ज भी किया है। बड़ी हैरानी की बात है कि रोजगार के बदले पैसे लेने के आरोपों के बाद में भी जिला प्रशासन सहित कंपनी प्रबंधन ने इस मामले की तरफ कभी भी ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा यह हुआ की कंपनियों के दलालों का हौसला बुलंद होता चला गया एवं क्षेत्रीय युवा लगातार रोजगार के बदले पैसे के नाम पर ठगी का शिकार होते रहे। आपको जानकर हैरानी होगी कि ओवरबर्दन कंपनियों में कार्य करने के लिए युवाओं से 2 लाख से लेकर ढाई लाख रुपए तक रिश्वत के रूप में लिए जा रहे हैं ऐसा आरोप स्थानीय बेरोजगारों ने कंपनी प्रबंधन के ऊपर लगाया है इसके साथ ही स्थानीय युवाओं का आरोप है कि एनसीएल कंपनी प्रबंधन के लोग भी इस मामले पर खामोश बैठे हुए हैं।

 

कम्पनी प्रबन्धन एवं जिला प्रशासन ने मामले में साधी चुप्पी

नॉर्दर्न कोल फील्ड लिमिटेड के विभिन्न परियोजनाओं में स्थित ओवर वर्डन कंपनियों में जिले के विस्थापित बेरोजगार युवाओं की अनदेखी लंबे अरसे से करने का आरोप लगता रहा है कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर बिचौलियों की साठगाँठ कंपनी प्रबंधन के साथ कर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए लेकर रोजगार देने का आरोप है। संबंधित मामले की शिकायत के मामले में बेरोजगार युवा बताते हैं कि इसकी लिखित शिकायत जिला प्रशासन सहित एनसीएल कंपनी प्रबंधन से की जा चुकी है परंतु मामले में एनसीएल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन अमला चुप्पी साधे हुए हैं कई बार शिकायत होने के बावजूद भी इस गंभीर मामले में जिला प्रशासन ने कोई ठोस पहल नहीं की। जब इतने गंभीर आरोप कंपनी प्रबंधन के ऊपर लग रहे हैं तो ऐसे मामले में कंपनी प्रबंधन का चुप रहना भी गले के नीचे नहीं उतर रहा है इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित मामले में कंपनी प्रबंधन सहित जिला प्रशासन अपनी रुचि नहीं दिख रहा है बेरोजगारी का दंश झेलने वाले बेरोजगार युवाओं का सब्र अब जवाब देने लगा है कई स्थितियों में बेरोजगार युवा बात करते-करते ही मामले को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं।

 

स्थितियां नहीं सुधरी तो कभी भी बिगड़ सकते हैं लॉ एंड ऑर्डर के हालात

 

विस्थापन बेरोजगारी एवं प्रदूषण की मार झेल रहे सिंगरौलीवासियों का सब्र अब जवाब देने लगा है क्योंकि बेरोजगार युवाओं से जिस तरह से रोजगार के बदले पैसे की मांग की जा रही है धीरे-धीरे जिले के युवा आक्रोशित होते दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसे ही जिले के एक बेरोजगार युवा से बात करते हुए जब हमने उनसे जानना चाहा संबंधित मामले में तो उनका कहना है कि एनसीएल कंपनी के द्वारा उनकी जमीन अधिग्रहित कर ली गई अब जब उनके परिवार के लोग लगातार बेरोजगार हैं ऐसे में वह स्थानीय कंपनियों की शरण में रोजगार के उद्देश्य से जा रहे हैं तो सर्वप्रथम उन्हें कंपनी के मुख्य द्वार से अंदर की तरफ प्रवेश ही नहीं दिया जाता , वहीं दूसरी तरफ जिस किसी तरह से जुगत भिड़ा कर यदि वह कंपनी के अंदर पहुंच भी जाते हैं तो उनसे लाखों रुपए की मांग की जाती है एवं रुपए ना दे पाने की सूरत में उन्हें रोजगार नहीं दिया जाता। ऐसे कुछ बेरोजगार युवा वर्तमान में अम्लोरी परियोजना के परियोजना के कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ चुके हैं एवं आने का ऐसे भी युवा है जो की कंपनी की मनमानियां से परेशान होकर काफी तनाव में हैं। ऐसे में जिले में लॉ एंड ऑर्डर की स्थितियां ना बिगड़े इसके लिए जिला प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन को मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई जल्द से जल्द करनी चाहिए।

 

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I have been working as a journalist for the last 13 years. This work gives me the opportunity to connect with people at the grassroots level. How effective has the government's scheme proved to be at the grassroots level and we have got the opportunity to work as helpers for such people who are suffering. I am responsible for finding answers to public interest questions in political and administrative circles.