रदरफोर्ड की व्याख्या
रदरफोर्ड ने परमाणु का नाभिकीय मॉडल प्रस्तुत किया, जिसके लक्षण निम्नलिखित है -
- परमाणु का केंद्र धनावेशित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है। एक परमाणु लगभग सम्पूर्ण द्रव्यमान इस नाभिक में होता है।
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो और वर्तुलाकार मार्ग में चक्कर लगाते है।
- नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में काफी कम होता है।
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की सीमाएँ निम्नलिखित है-
- रदरफोर्ड के अल्फ़ा कणो के प्रकीर्णन के प्रयोग से परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों एवं इलेक्ट्रोनो की संख्याओं के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है।
- रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल से परमाणु के स्थायित्व का पता नहीं चलता।
- जब कोई भी आवेशित कण गोलाकार कक्ष में त्वरित होता है तो त्वरण होता है तो त्वरण के दौरान आवेशित कणों से ऊर्जा का विकिरण नहीं होगा। इस प्रकार स्थायी कक्षा में घूमता हुआ इलेक्टॉन अपनी ऊर्जा विकरित करके नाभिक से टकरा जाएगा रदरफोर्ड इस तथ्य को नहीं समझा सके की वास्तव में ऐसा क्यों नहीं होता।
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