संविधान का निर्माण

संविधान का निर्माण

• कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई. में किया गया।

• संविधान सभा के प्रथम बैठक का आयोजन 9 दिसम्बर, 1946 ई. को संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में प्रारम्भ किया गया। डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को सर्वसम्मति से अस्थायी अध्यक्ष चुना गया।

• 11 दिसम्बर, 1946 ई. की बैठक में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान-सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया।

• 13 दिसम्बर, 1946 ई. को पं. जवाहरलाल नेहरू ने 'उद्देश्य प्रस्ताव' प्रस्तुत कर संविधान की आधारशिला रखी। संविधान के निर्माण का कार्य करने के लिए कई समितियाँ बनाई गईं। इसमें 'प्रारूप समिति' प्रमुख थी। इसकी अध्यक्षता डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने की।

• प्रारूप समिति में डॉ. अम्बेडकर के अतिरिक्त एन. गोपालास्वामी आयंगर, अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, के.एम. मुंशी, मोहम्मद सादुल्लाह, डी.पी. खेतान (1948 ई. में इनकी मृत्यु के पश्चात् टी.टी. कृष्णामाचारी) और एन. माधवराव अन्य सदस्य थे। बी.एन. राव को संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। 

संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ

समिति

अध्यक्ष

प्रारूप समिति डॉ. भीमराव अम्बेडकर
संघ संविधान समिति जवाहर लाल नेहरू
प्रान्तीय संविधान समिति वल्लभ भाई पटेल
कार्य संचालन समिति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
मूल अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति सरदार बल्लभ भाई पटेल
झण्डा जे.बी. कृपलानी

• संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।

• संविधान 26 नवम्बर, 1949 ई. को बनकर तैयार हो गया था और इसी दिन इसे अंगीकृत किया गया।

• संविधान 26 नवम्बर, 1949 ई. को तैयार हो गया था, किन्तु इसके अधिकतर भागों को 26 जनवरी, 1950 ई. को लागू किया गया।

• 1930 ई. से ही सम्पूर्ण भारत में 26 जनवरी का दिन 'स्वाधीनता दिवस' के रूप में मनाया जाता था। इस कारण 26 जनवरी, 1950 ई. को प्रथम 'गणतन्त्र दिवस' मनाया गया।

• संविधान सभा की अन्तिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई. को हुई और इसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया।

• मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग तथा 8 अनुसूचियाँ थीं।

• डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान के 'जनक' के रूप में जाना जाता है।

भारतीय संविधान के स्रोत

• ब्रिटिश संविधान संसदीय शासन प्रणाली, विधि-निर्माण प्रक्रिया एवं एकल नागरिकता।

• दक्षिण अफ्रीकी संविधान संविधान संशोधन प्रणाली।

• कनाडा का संविधान संघीय व्यवस्था, केन्द्रीय सरकार के अधीन अवशिष्ट शक्तियाँ, संघ और राज्य के बीच शक्ति विभाजन।

• अमेरिकी संविधान प्रस्तावना, मूल अधिकार, न्यायालय की स्वतन्त्रता न्यायिक पुनरावलोकन, राष्ट्रपति के अधिकार एवं कार्य, उपराष्ट्रपति की स्थिति उच्चतम तथा उच्च न्यायलयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात।

• ऑस्ट्रेलियायी संविधान प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची एवं केन्द्र-राज्य सम्बन्ध।

• जर्मनी का वाइमर संविधान राष्ट्रपति के आपातकालीन अधिकार। जापानी संविधान कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया तथा शब्दावली।

• रूसी संविधान मौलिक कर्त्तव्य।

• फ्रांसीसी संविधान गणतन्त्र।

• आयरलैण्ड का संविधान राज्य के नीति-निदेशक तत्त्व, राष्ट्रपति के निर्वाचक

मण्डल, राज्यसभा में 12 सदस्यों का मनोनयन।

• गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया एक्ट-1935 इस अधिनियम के लगभग 200 अनुच्छेद प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों से मिलते-जुलते हैं।

स्मरणीय तथ्य

• संविधान सभा ने राष्ट्र-ध्वज (तिरंगा) का प्रारूप 22 जुलाई, 1947 ई. को अपनाया।

• रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित 'जन-गण-मन' को भारत के राष्ट्र-गान के रूप में स्वीकार किया गया। राष्ट्रगान को 24 जनवरी, 1950 ई. को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया।

• बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा रचित 'वन्दे मातरम्' को भारत के राष्ट्र-गीत के रूप में 24 जनवरी, 1950 ई. को अपनाया गया।

• 26 जनवरी, 1950 ई. को संविधान सभा ने सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ के शीर्ष की अनुकृति को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया।

• भारत ने सरकारी उद्देश्य के लिए 22 मार्च, 1957 ई. को राष्ट्रीय पंचांग को अपनाया। भारतीय राष्ट्रीय पंचांग शक सम्वत् पर आधारित है।

मूल अधिकार

• भारतीय संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 12 से 35 में मूल अधिकार सम्बन्धी प्रावधान हैं।

• भारतीय संविधान में नागरिकों को सात मौलिक या मूल अधिकार प्रदान किये गए थे, लेकिन 44वें संविधान संशोधन 1978 ई. द्वारा सम्पत्ति के मौलिक अधिकार को समाप्त कर अनुच्छेद 300 'क' के अन्तर्गत एक विधिक अधिकार बना दिया गया। वर्तमान में नागरिकों के प्राप्त मूल अधिकारों की संख्या 6 है।

• अनुच्छेद 21 के अन्तर्गत निजता के अधिकार को मूल अधिकारों के रूप में मान्यता सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदान की है (अगस्त, 2017)।

• अनुच्छेद 21(A) राज्य 6-14 वर्ष के आयु के समस्त बच्चों को ऐसे ढंग से जैसा कि राज्य, विधि द्वारा अवधारित करें, निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करेगा। (86वाँ संशोधन, 2002)1

मूल अधिकार एवं अनुच्छेद

क्र. सं.

मूल अधिकार

अनुच्छेद

1. समानता का अधिकार अनुच्छेद 14-18
2. स्वतन्त्रता का अधिकार अनुच्छेद 19-22
3. शोषण के विरुद्ध अधिकारधार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार अनुच्छेद 23-24
4. धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 - 28
5. संस्कृति तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार अनुच्छेद 29 - 30
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32

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