नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम मात्रक की जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप मात्रक की जानकारी पढ़ना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
मात्रक की परिभाषा
किसी वस्तु या पिण्ड के मानक मापन की इकाई को मात्रक कहाँ हैं।
मूल मात्रक, मात्रकों के वे मात्रक हैं जो अन्य मात्रकों से स्वतंत्र होते हैं अर्थात उनको एक-दूसरे से अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता हैं।
उदाहरण :- लम्बाई, समय और द्रव्यमान के लिए क्रमशः मीटर, सेकण्ड और किलोग्राम का प्रयोग किया जाता हैं।
मात्रक के प्रकार
मात्रक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
- मूल मात्रक
- व्युत्पन्न मात्रक
1. मूल मात्रक
वे मात्रक जिनको आसानी से ज्ञात किया जा सकता हैं अर्थात इनको ज्ञात करने के लिए अन्य किसी मात्रक की आवश्यकता नहीं होती। मूल मात्रक की संख्या S.I. पद्वति में सात होती हैं और दो सम्पूरक मात्रक होते हैं।
मात्रकों (माप तौल) की चार प्रणालियाँ होती हैं।
- C.G.S. (सेंटीमीटर ग्राम सेकण्ड) मात्रक
- M.K.S. (मीटर किलोग्राम सेकण्ड) मात्रक
- F.P.S. (फुट पाउण्ड सेकण्ड) मात्रक
- S.I. (अंतराष्ट्रीय मानक) मात्रक
(i). C.G.S. (सेंटीमीटर ग्राम सेकण्ड) मात्रक
इस पद्धति को संक्षेप में cgs पद्धति कहते हैं। इस पद्वति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक – मीटर, द्रव्यमान का मात्रक – किलोग्राम, व समय का मात्रक – सेकण्ड होता हैं। इसे फ्रेंच या मीट्रिक पद्वति भी कहते हैं।
(ii). M.K.S. (मीटर किलोग्राम सेकण्ड) मात्रक
इस पद्धति को संक्षेप में mks पद्धति कहते हैं। इस पद्वति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक – सेंटीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक – ग्राम, व समय का मात्रक – सेकण्ड होता हैं। यह C.G.S. पद्वति का ही बड़ा रूप हैं।
(iii). F.P.S. (फुट पाउण्ड सेकण्ड) मात्रक
इस पद्धति को संक्षेप में fps पद्धति कहते हैं। इस पद्वति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक – फुट, द्रव्यमान का मात्रक – पाउण्ड, व समय का मात्रक – सेकण्ड होता हैं। इसे बिट्रिश पद्वति भी कहते हैं।
(iv). S.I. (अंतराष्ट्रीय मानक) मात्रक
इस पद्वति में 7 मूल मात्रक और 2 सम्पूरक मात्रक होते हैं भारत में मीट्रिक प्रणाली 1 अप्रैल 1957 से लागू हुई।
2. व्युत्पन्न मात्रक
वे मात्रक जो मूल मात्रकों की सहायता से ज्ञात लिए जाते हैं व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
उदाहरण : आयतन, क्षेत्रफल, चाल
महत्वपूर्ण मात्रक
- पारसेक
- प्रकाश वर्ष
- सौर दिवस
- फैदम
- समुद्री मील
- खगोलीय इकाई
- केल्विन
- एम्पेयर
1. पारसेक :- पारसेक का छोटा रूप हैं यह दूरी का मात्रक हैं
1 पारसेक = 3.26 प्रकाशवर्ष
2. प्रकाश वर्ष :- प्रकाश के द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को प्रकाश वर्ष कहाँ जाता हैं। इसका मतलब यह हैं कि प्रका वर्ष दूरी का मात्रक हैं।
प्रकाश वर्ष = 9.46 × 10¹⁵ किलोमीटर
3. सौर दिवस :- प्रत्येक 2 दोपहर (जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर लम्बवत हो ऐसी स्थितियों के बीच का समय) को ही सौर दिवस कहाँ गया।
1 सौर दिवस = 86400 सेकण्ड
4. फैदम :- इस का उपयोग समुद्र की गहराई मापने के लिए किया जाता हैं।
1 फैदम = 6 फिट
1 केवल = 100 फैदम
5. समुद्री मील :- इस का उपयोग समुद्री सतह की दूरी मापने के लिए इसका उपयोग किया जाता हैं।
1 समुद्री मील = 1852 मीटर
6. खगोलकीय इकाई :- 1 वर्ष में सूर्य और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी के मात्रक को खगोलीय मात्रक कहाँ जाता हैं।
एक खगोलीय मात्रक = 1.496 × 10⁹ मीटर
7. केल्विन (ताप का मात्रक) :- सामान्य वायुमंडल ताप पर गलते वर्फ के ताप और उबलते ताप के 100 वे भाग को एक केल्विन कहते हैं।
8. एम्पेयर (विधुत धारा) :- एक एम्पेयर वह विधुत धारा हैं जो निर्वात में एक मीटर की दूरी पर स्थित दो सीधे लम्बे व समान्तर तारों में प्रवाहित होने पर प्रत्येक तार की प्रति लम्बाई पर तारों के बीच 2 × 10⁻⁷ न्यूटन का बल उतपन्न करती हैं।
राशियां
जिसे संख्या के रूप में प्रकट किया जा सके उसे राशि कहते हैं।
जैसे :- जनसंख्या, आयु, वस्तु का भार, टेबल की लंबाई इत्यादि।
भौतिक राशियां
भौतिकी के नियमों को जिन पदों में व्यक्त किया जाता है, उन्हें भौतिक राशियां कहते हैं। जैसे :- लंबाई, द्रव्यमान, समय, बल, ऊर्जा, वेग इत्यादि।
भौतिक राशियां दो प्रकार की होती हैं।
- आधारी राशिया
- व्युत्पन्न राशियां
(i). आधारी राशियां
वैसी भौतिक राशियां, जिनमें केवल परिमाण होता है, दिशा नहीं होती, उन्हें आधारी राशि कहा जाता है। जैसे :- लंबाई, द्रव्यमान, समय, घनत्व, तापमान, विद्युत धारा, चाल, आयतन, कार्य आदि। वास्तव में आधारी राशिया सात हैं।
(ii). व्युत्पन्न राशियां
वैसी भौतिक राशियां, जिनमें परिमाण के साथ साथ दिशाएं भी होती है और जो योग के निश्चित नियमों के अनुसार जोड़ी जाती है, उन्हें व्युत्पन्न राशि कहा जाता है। जैसे :- वेग, विस्थापन, बल, क्षेत्रफल, आयतन, बल, कार्य, ऊर्जा, त्वरण, चुंबकीय क्षेत्र प्रेरण इत्यादि।
माप के मात्रक/इकाई
किसी राशि के मापन के निर्देश मानक को मात्रक कहते हैं अर्थात किसी भी राशि की माप करने के लिए उसी राशि के एक निश्चित परिमाण को मानक मान लिया जाता है और उसे कोई नाम दे दिया जाता है, इसी को उस राशि का मात्रक कहते हैं।
मात्रक दो प्रकार के होते हैं।
- आधारी मात्रक
- व्युत्पन्न मात्रक
(i). आधारी मात्रक
किसी भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए कुछ ऐसे मानक का प्रयोग किया जाता है, जो अन्य मानक से स्वतंत्र होते हैं, इन्हें आधारी मात्रक कहते हैं। जैसे:- लंबाई, समय और द्रव्यमान के मात्रक क्रमशः मीटर, सेकंड और किलोग्राम मूल इकाई है।
(ii). व्युत्पन्न मात्रक
किसी भौतिक राशि को जब दो या दो से अधिक मूल इकाइयों में व्यक्त किया जाता है, तो उसे व्युत्पन्न इकाई कहते हैं। जैसे:- बल, दाब, कार्य और विभव के लिए क्रमशः न्यूटन, पास्कल, जूल एवं वोल्ट व्युत्पन्न मात्रक है।
मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति
अक्टूबर 1960, में पेरिस के निकट सेवरे नामक स्थान पर संपन्न 11वीं तौल एवं माप के महासम्मेलन में लंबी चर्चाओं के बाद मात्रकों की एक नई अंतर्राष्ट्रीय पद्धति का उदय हुआ।
इसमें छह आधारी मात्रकों को परिभाषित किया गया। 1970 में संपन्न 14वीं तौल एवं माप के महासम्मेलन में सातवा आधारी मात्रक मोल जोड़ा गया। इस नई पद्धति को उसके फ्रांसीसी नामकरण Systeme International d' Units के कारण, संक्षेप में SI मात्रक के नाम से जाना जाता है।
इस पद्धति में ज्यामिति के दो राशि समतल कोण और घन कोण, जो भौतिक राशि नहीं है, के मात्रकों को भी संपूरक मात्रकों के रूप में परिभाषित किया गया।
SI पद्धति के सात मूल मात्रक
सात आधारी राशिया, उनके SI मात्रक और उनके संकेत निम्नलिखित दिए गए हैं।
आधारी राशियां | SI मात्रक का नाम | संकेत |
लंबाई | मीटर | m |
द्रव्यमान | किलोग्राम | kg |
समय | सेकंड | s |
विद्युत-धारा | एम्पीयर | A |
तापमान | केल्विन | K |
ज्योति तीव्रता | कैंडेला | c |
पदार्थ का परिमाण | मोल | mol |
SI के दो संपूरक मात्रक
समतल कोण | रेडियन | rad |
ठोसीय कोण | स्टेरेडियन | sr |
10 के विभिन्न घातों के प्रतीक
दस के घात | नाम | प्रतीक |
10¹⁸ | एक्सा | E |
10¹⁵ | पेटा | P |
10¹² | टेरा | T |
10⁹ | गीगा | G |
10⁶ | मेगा | M |
10³ | किलो | k |
10² | हेक्टो | h |
10¹ | डेका | da |
10⁻¹ | डेसी | d |
10⁻² | सेंटी | c |
10⁻³ | मिली | m |
10⁻⁶ | माइक्रो | m |
10⁻⁹ | नैनो | n |
10⁻¹² | पिको | p |
10⁻¹⁵ | फेफ्टो/फरमी | f |
10⁻¹⁸ | एटो | a |
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